भारतीय राष्ट्रवाद और हिन्दू राष्ट्रवाद क्या एक ही चीज़ है? हिंदू राष्ट्रवाद की जड़ें कहां हैं, उसकी पहचान क्या है और उसको फासीवाद से क्यों जोड़ा जाता है? इन्हीं सवालों पर केंद्रित है सत्यहिंदी का वेबिनार।
आरएसएस के मुखिया मोहन राव भागवत ने फरमाया है कि अगर कोई हिंदू है तो वह देशभक्त ही होगा, क्योंकि देशभक्ति उसके बुनियादी चरित्र और संस्कार का अभिन्न हिस्सा है। तो फिर नाथुराम गोडसे, सिख विरोधी दंगे में शामिल लोग कौन थे?
वर्षारंभ पर एक नई अवधारणा का उपहार भारतीयों को दिया गया: ‘ऑटोमैटिक पैट्रीअट’। बताया गया कि हिंदू ‘ऑटोमैटिक पैट्रीअट’ होते हैं। यानी हिंदू होने का अर्थ ही ‘पैट्रीअट’ होना है।