कारगिल युद्ध के हीरो मुहम्मद सना उल्लाह असम के डीटेंशन कैंप यानी बंदी गृह में बंद हैं। सेना में 30 साल तक काम करने और ऑनरेरी लेफ़्टीनेंट के पद से सम्मानित किए जाने के बावजूद उनसे नागरिकता साबित करने को कहा गया। बाद में उन्हें विदेशी घोषित कर डीटेंशन कैंप भेज दिया गया। पूरी बात सत्य हिन्दी पर बता रहे हैं प्रमोद मल्लिक।