अमित शाह ने एक इंटरव्यू में एनपीआर और एनआरसी पर सफ़ाई दी और कहा कि दोनों के बीच कोई संबंध नहीं है। तो पहले उनकी पार्टी क्यों संबंध बताती रही थी? क्या शाह झूठ नहीं बोल रहे हैं? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
करोड़ों लोगों को किन दस्तावेज़ों के बूते लाइनों में लगकर अपनी ‘भारतीयता’ साबित करने को कहा जा रहा है? नोटबंदी में तो वे दूसरों के ’काले को’ लाइनों में लगकर सफेद कर रहे थे।
गृह मंत्री अमित शाह के ज़ोर देकर यह बोलने के बाद कि पहले वह नागरिकता क़ानून में संशोधन करेंगे और उसके बाद पूरे देश में एनआरसी लागू करेंगे, यह विवाद बढ़ा।
सरकार ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने के अपने फ़ैसले से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। इस मामले में बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी और राम माधव का बयान आया है।
सरकार कह चुकी है कि पूरे देश भर में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी लागू किया जाएगा। क्या जो प्रक्रिया असम में अपनाई गई वही पूरे देश में लागू होगी?