कहा जाता है कि सदन को चलाना सरकार की प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है और सदन को सुचारू रूप से चलाने में विपक्ष को सहयोग देना चाहिए, तो क्या दोनों ही पक्ष अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा नहीं कर रहे?
आरोप - संसद में विपक्ष को पीटा गया । मंत्रियों का आरोप - सरकार को धमकी दी गयी, जानलेवा हमला हुआ । क्या संसद में खून ख़राबा होगा ? आशुतोष के साथ
चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, शरद गुप्ता, हरि कुमार और मुकेश कुमार ।
हम शायद महसूस नहीं कर पा रहे हैं कि संसद और विधानसभाओं की बैठकें अब उस तरह से नहीं हो रही हैं जैसे पहले कभी विपक्षी हो-हल्ले और शोर-शराबों के बीच हुआ करती थीं और अगली सुबह अख़बारों की सुर्खियों में भी दिखाई पड़ जाती थीं।