हम विभाजन विभीषिका दिवस क्यों मनाना चाहते हैं? ऐसा कोई दिन क्यों याद रखना चाहते हैं? 14 अगस्त की तारीख़ इसलिए त्रुटिपूर्ण है कि विभाजन की यह विभीषिका 14 अगस्त के बाद भी जारी रही थी।
स्वतंत्रता तो हमें मिली पर उसकी भी एक कीमत चुकानी पड़ी- ‘विभाजन’ के रूप में। धर्म के आधार पर मुस्लिम बहुल पंजाब, बंगाल और पश्चिमोत्तर सीमा-प्रांत के हिस्से पाकिस्तान के रूप में आए।
14 अगस्त की वह ऐतिहासिक रात जब ब्रिटिश साम्राज्य का झंडा यूनियन जैक भारत में आख़िरी बार उतारा गया और जवाहर लाल नेहरू ने 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' का भाषण दिया।