निजी डाटा सुरक्षा के नाम पर कानून बनाकर क्या सरकार आम लोगों की जासूसी करना चाहती है वह प्रस्तावित बिल में सरकारी एजंसियों को मनमाने अधिकार क्यों देना चाहती है इस कानून से क्या निजता का उल्लंघन होता है विपक्षी दल और डाटा सुरक्षा के विशेषज्ञ इस बिल को लेकर चिंतित क्यों हैं
वाट्सऐप ने ख़ुद शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि यह अपने यूज़रों को यह विवादित नयी प्राइवेसी पॉलिसी स्वीकार करने के लिए तब तक दबाव नहीं डालेगा जब तक सरकार व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा विधेयक को पास नहीं करा देती है।
क्या हो यदि आपकी निजी जानकारियाँ कोई दूसरा इस्तेमाल कर ले? और क्या हो यदि आपकी अपनी पूरी जानकारी सरकार मनमर्जी से इस्तेमाल करे? कुछ ऐसे ही सवाल खड़े होते हैं जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ख़तरे के प्रति आगाह करें।