कोरोना से निरोग हुए स्वस्थ व्यक्ति से प्लाज़्मा लेकर रोगी को दिया जाता हैं जिससे उसके ख़ून में एंटीबॉडीज़ बनती हैं और उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है
महाराष्ट्र में जिस पहले शख़्स का प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज किया गया, उसकी मौत हो गई है। हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह इस थेरेपी से इलाज जारी रखेगी।
कोरोना वायरस के इलाज में जिस प्लाज्मा थेरेपी से अच्छे परिणाम की बात अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं, उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह अभी प्रायोगिक चरण में है और इलाज के लिए कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।
कोरोना बीमारी का अब तक न तो टीका बना है और न ही इलाज के लिए कोई दवा है। उम्मीद की किरण अब प्लाज्मा थेरेपी में दिख रही है। तो ये प्लाज्मा थेरेपी क्या है और कितना कारगर है?