पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने फ़ैसला दिया है कि फ़ोन कॉल के दौरान जाति-आधारित टिप्पणी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध नहीं बनती है।
एससी/एसटी क़ानून आज फिर वहीं खड़ा है जहाँ यह क़रीब डेढ़ साल पहले था। सुप्रीम कोर्ट ने इस क़ानून में बदलाव किया था और अब फिर से सुप्रीम कोर्ट ने ही अपने उसी फ़ैसले को पलट दिया है।