दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग़ को लेकर आ रहे बीजेपी नेताओं के बयानों से अब यह साफ़ हो गया है कि पार्टी मतदान की तारीख़ तक इसी मुद्दे पर चुनाव प्रचार करेगी।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ के प्रदर्शन से क्या बीजेपी सरकार हिल गई है? बीजेपी के नेता क्यों भड़काऊ बयानबाज़ी कर रहे हैं? प्रवेश वर्मा, अनुराग ठाकुर, दिलीप घोष जैसे बीजेपी के नेता क्यों विवादास्पद बयान दे रहे हैं और कार्रवाई भी नहीं हो रही है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
दिल्ली चुनाव को बीजेपी ने शाहीन बाग़ के मुद्दे पर लड़ने की ठान ली है। अमित शाह, अनुराग ठाकुर के बाद अब बीजेपी सांसद ने प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग़ को निशाने पर लिया है।Satya Hindi
देश के गृह मंत्री अमित का यह बयान क्या अजीबोगरीब नहीं है कि बटन ऐसा दबाना कि शाहीन बाग़ में करंट लगे? क्या शाह नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन से घबरा गए हैं या दिल्ली चुनाव में बीजेपी की ख़राब हालत से? वैसे प्रशांत किशोर ने भी दिलचस्प दिया है कहा कि बटन तो प्यार से ही दबेगा पर जोर का झटका धीरे से लगेगा। देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
देश में लोकतंत्र की नींव रखने वाले और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के सबसे बड़े पैरोकार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तसवीर शाहीन बाग़ से ग़ायब है।
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ का प्रदर्शन देश भर में ही नहीं दुनिया भर में चर्चे हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल की क्या राय है? वह शाहीन बाग़ आख़िर क्यों नहीं जा रहे हैं? वह नागरिकता क़ानून पर क्यों नहीं खुलकर बोल रहे हैं? देखिए आशुतोष की बात में इन सवालों के जवाब।
दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले एक महीने से ज़्यादा समय से चल रहे आंदोलन की चर्चा दुनिया भर में है। कई जगह पर पुरुष भी महिलाओं के समर्थन में उतरकर उनकी हौसला अफ़जाई कर रहे हैं।