महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई तो शिवसेना के आदर्श शिवाजी को मुसलिम विरोधी क्यों बता रही है बीजेपी?
महाराष्ट्र में क्या बीजेपी का वह क़िला ढग गया जहाँ ग़ैर-बीजेपीवाद पनपने के आसार हैं? क्या बीजेपी के विरोधी रहे दल अब एकजुट होंगी? और अधिक ऊर्जा के साथ? क्या बीजेपीवाद को चुनौती देने का केंद्र यानी गढ़ बनेगा महाराष्ट्र? क्या मोदी-शाह की जोड़ी वाली पार्टी के लिए बड़ी चुनौती होगी। सत्य हिंदी पर देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के बँटवारे पर बातचीत पूरी हो गई है, विभागों का बँटवारा हो गया है। शिवसेना को 16 विभाग मिलेंगे, इनमें कैबिनेट स्तर के 11 मंत्री होंगे और राज्य मंत्रियों की संख्या 5 होगी।
अब क़रीब-क़रीब तय है कि महाराष्ट्र में शिवसेना की सरकार बनेगी। सोनिया गाँधी से हरी झंडी मिलने की ख़बर है। लेकिन इससे पहले शरद पवार, शिवसेना और कांग्रेस को लेकर अलग-अलग अफ़वाहें क्यों फैलाई गईं? इसका क्या था मक़सद? सवाल यह भी है कि अब कौन बनेंगे मुख्यमंत्री? देखिए आशुतोष की बात।