कमेटी पर किसानों को भरोसा नहीं तो कैसे निकलेगा हल? हरियाणा में कुर्सी बचाने की जुगत में चौटाला ? वाट्सऐप क्यों छोड़ने लगे लोग? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की पीठ से जो सरकार के ख़िलाफ़ गर्जन-तर्जन हो रहा था, उसे फटकार सुनाई जा रही थी, उसका खोखलापन तुरत उजागर हो गया। पूरी सुनवाई किसानों के हित, देश की भलाई का एक कमज़ोर स्वाँग भर थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब किसान आंदोलन का क्या होगी? किसान आंदोलन के कारण हरियाणा सरकार गिरेगी ? ट्रंप समर्थक बिगाड़ेंगे बाइडन का शपथ ग्रहण समारोह ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी का विश्लेषण। Satya Hindi
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। राकेश टिकैत बोले- कानून बनाने वाले लोग ही कमेटी में । योगेन्द्र यादव : ये सरकारी कमेटी, हम बात नहीं करेंगे
किसानों के प्रदर्शन के बारे में जो बात सरकार के समर्थक सोशल मीडिया पर या छुटभैये नेता इधर उधर बोलते रहे थे वही बात अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कही है। किसानों के प्रदर्शन में खालिस्तानियों का हाथ होने के आरोप लगाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बनाई कमेटी, किसान संगठनों की असहमति, अब आगे क्या? अगर आंदोलन में खालिस्तानी शामिल तो सरकार पकड़ती क्यों नहीं? इसके अलावा शो में देखिए क्या ट्रंप के समर्थक बाइडन के शपथ ग्रहण में हिंसा करेंगे ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का ख़ास विश्लेषण। Satya Hindi
सुप्रीम कोर्ट ने तीनों विवादित कानूनों को लागू किए जाने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा है जो किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता का काम कर सकती है। इसके लिए अदालत ने कुछ विशेषज्ञों के नाम भी सुझाए हैं। सवाल है कि क्या इससे समस्या हल हो जाएगी? क्या किसान इसके बाद आंदोलन वापस ले लेंगे?
नये कृषि क़ानूनों पर गतिरोध को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समिति बनाने के सुझाव के बीच किसान ऐसी किसी कमेटी का हिस्सा बनने के पक्ष में नहीं हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मामले में बयान जारी किया है।
अदालत मे क्यों मुँह की खानी पड़ी सरकार को ? अदालत क्यों आंदोलन में दखल दे ? आशुतोष के साथ चर्चा में विकास सिंह, आलोक जोशी, विनोद अग्निहोत्री, विकास गुप्ता और राहुल राज !
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Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सुप्रीम कोर्ट : ‘अगर आप कृषि क़ानूनों को होल्ड नहीं कर सकते तो हम कर देंगे’।CJI बोले - केन्द्र सरकार समस्या समाधान निकालने में असमर्थ
केंद्र सरकार ने किसानों से कह दिया है कि कृषि क़ानून मान्य नहीं हैं तो सुप्रीम कोर्ट जाइए। किसानों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे न तो सुप्रीम कोर्ट जाएँगे, न ही अदालती कार्यवाही का हिस्सा बनेंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस दिनेश महेश्वरी की बेंच ने कहा कि जनहित याचिका के नाम पर अदालतों का समय सरकार से असहमति रखने वाले ग्रुप और सिविल सोसाइटी के लिए बर्बाद नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानूनों की वैधता की जाँच करेगा। कोर्ट ने इस पर दोनों राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी किया है।