एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से कहा है कि गिरफ़्तार मलयालम पत्रकार सिद्दिक़ कप्पन को दिल्ली भेज कर उनका इलाज कराए।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन की उपलब्धता और उनकी क़ीमत, ऑक्सीजन, कोरोना बेड और राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था के बारें में केंद्र सरकार से जबाव माँगे हैं।
जस्टिस एन. वी. रमना ने देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। रमना ने शुक्रवार को रिटायर हुए जस्टिस एस. ए. बोबडे की जगह ली है।
सुप्रीम कोर्ट: क्यों उठ रहे हैं ऐसे सवाल? हाईकोर्ट सक्रिय हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट सुस्त क्यों? देखिए न्यायपालिका की मौजूदा स्थिति पर सटीक विश्लेषण। वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास के साथ. Satya Hindi
आलोचना के बाद सुप्रीम कोर्ट का बदला रुख? पीएम के साथ बैठक में केजरीवाल की अपील पर विवाद क्यों? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का सटीक विश्लेषण। Satya Hindi
पिछले दिनों जब कोरोना के मसले पर कई हाई कोर्टो ने सरकारों को फटकारा और फिर अचानक सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मामले का स्वतः संज्ञान लिया तो सवाल खड़ा हो गया कि क्या ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को बचाने के लिये किया? सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने मशहूर वकील प्रशांत भूषण से बात की।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि "यह एक बहुत गंभीर मुद्दा है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के मामलों में हस्तक्षेप क्यों किया है? उन्होंने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उसकी मदद करने के लिए ऐसा किया है?
हाईकोर्ट के अधिकतर मामलों में क्यों टांग अड़ा रहा है सुप्रीम कोर्ट? कोरोना के मामलों को हाईकोर्ट से क्यों लेना चाह रहा है सुप्रीम कोर्ट? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण। Satya Hindi
कोरोना से जूझ रहे देश में अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब माँगा है। इसने केंद्र को नोटिस जारी किया पूछा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति, ज़रूरी दवाओं और टीकाकरण पर राष्ट्रीय योजना क्या है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उससे राज्य के पाँच शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन करने को कहा गया है। इस याचिका पर मंगलवार को ही सुनवाई किए जाने की संभावना है।
ऐसे समय जब कोरोना संक्रमण विकराल रूप ले चुका है और रोज़ाना संक्रमण के डेढ़ लाख से ज़्यादा मामले पिछले 24 घंटे में आए, सुप्रीम कोर्ट भी इससे अछूता नहीं रहा। इसके आधे से ज़्यादा कर्मचारी इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
सर्वोच्च न्यायालय की यह बात तो बिल्कुल ठीक है कि भारत का संविधान नागरिकों को अपने ‘धर्म-प्रचार’ की पूरी छूट देता है और हर व्यक्ति को पूरा अधिकार है कि वह जिसे चाहे, उस धर्म को स्वीकार करे।