पिछले 4 साल से एक-दूसरे को शह देते आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के 'युद्ध का मैदान' अब यूपी विधानसभा चुनाव बनने जा रहा है। क्या उनका जादू चलेगा?
राम जन्मभूमि आंदोलन और हिंदुत्व की पहली प्रयोगशाला यूपी में बीजेपी को हार का डर क्यों सता रहा है? पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में विपक्षियों का सूपड़ा साफ करने वाली बीजेपी इतनी बेचैन क्यों है?
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । कानपुर: बीजेपी नेताओं ने पुलिस के चंगुल से हिस्ट्रीशीटर को छुड़ाया। सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया विनोद दुआ का राजद्रोह केस। देखिए दोपहर तक की ख़बरें -
उत्तर प्रदेश में बीजेपी का ‘अंगद का पांव’ हिलने लगा है। क्या उसे प्रदेश में पार्टी के भीतर चल रहे राजनीतिक भूकंप से अपनी ज़मीन हिलने का अहसास हो गया है? क़रीब दस दिनों से यूपी बीजेपी में हंगामा क्यों मचा हुआ है?
यूपी में भाजपा और संघ के दूत आये और फीडबैक लेकर लौट गए .अटकलों का बाजार गर्म हुआ पर बीएल संतोष के ट्वीट के बाद असंतुष्टों के तेवर कुछ ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं .आजकी जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे .
भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष के लखनऊ पहुंचने के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है .मुख्यमंत्री योगी के मंत्रियों से फीडबैक लेना शुरू हो गया है .क्या यूपी में कुछ नया होगा ? आज की जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सरकार से लेकर संगठन में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रहा है, वहीं प्रदेश के मंत्रियों व दूसर विधायकों से फीडबैक लेने की कवायद भी शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश की सियासत इस साल जनवरी के सर्द महीने में तब खासी गर्म हो गई थी जब गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अफ़सर अरविंद कुमार शर्मा को बीजेपी में शामिल किया गया था।
उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के बीजेपी विधायक राकेश राठौर ने जो कुछ कहा है, उससे पता चलता है कि राज्य के बीजेपी विधायकों को अपनी बात रखने की कितनी आज़ादी है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के बदइंतजामों पर आम लोगों की नाराज़गी तो आपने देखी ही, बीजेपी के नेता भी कई बार खुलकर योगी सरकार के ख़िलाफ़ नाराज़गी जता चुके हैं।