विकास, इक्विटी और स्थिरता या टिकाऊपन के आधार पर तैयार इंडेक्स में उत्तर प्रदेश बड़े राज्यों में सबसे निचले पायदान क्यों है? फिर नंबर वन का दावा क्यों किया जाता है?
उत्तर प्रदेश में एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के इस्तेमाल पर सवाल उठते रहे हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 120 मामलों में से 94 मामलों को खारिज कर दिया और हिरासत में लिए गए आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया।
उत्तर प्रदेश के कानपुर में तीन पत्रकारों पर इसलिए एफ़आईआर दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने ठंड में ठिठुरते स्कूली बच्चों से योगा कराने पर एक ख़बर प्रकाशित की थी।
उत्तर प्रदेश में कथित 'लव जिहाद' के इतने मामले क्यों आने लगे हैं? उन मामलों में भी जिनमें संबंधित परिवारों को पता नहीं होता फिर भी 'लव जिहाद' सामने आ जाता है।
उत्तर प्रदेश में 'लव जिहाद' यानी ग़ैरक़ानूनी धर्मांतरण क़ानून के दो अलग-अलग चेहरे दिखने लगे हैं। इस क़ानून के बाद 12 घंटे के अंतराल में दो केस दर्ज कराए गए। एक केस में लड़के को जेल भेजा और लड़की को अलग कर सरकार के संरक्षण में रखा गया।
अदालत ने योगी आदित्यनाथ सरकार को साफ़ आदेश दिया है कि वसूली के लिए लगाए गए होर्डिंग हर हालत में 16 मार्च तक हटा लिए जाएं। अब इससे प्रभावित लोग सरकार को अदालत में घसीटने की योजना भी बना रहे हैं। क्या है मामला? वरिष्ठ पत्रकार शैलेश बता रहे हैं सत्य हिन्दी के विशेष कार्यकर्म 'शैलेश की रिपोर्ट में'।