कोरोना की दूसरी लहर में हुई तबाही के बाद सभी लोग चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द टीका लग जाए लेकिन हालात इतने ख़राब हैं कि दिल्ली सरकार कहती है कि उसके पास टीके नहीं हैं और वह अपने 100 से ज़्यादा टीकाकरण केंद्रों को बंद करने के लिए मजबूर है।
बारह विपक्षी दलों ने एक संयुक्त चिट्ठी लिख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना से निपटने के उपाय सुझाए हैं औ कुछ बेहद अहम माँगे रखी हैं, जिनमें सबको मुफ़्त कोरोना टीका देना सबसे ऊपर है।
एक तरफ़ कोरोना टीकों की कमी है तो दूसरी तरफ हर कोई लगवा सकता है और टीके की क़ीमत तय नहीं है। सरकार मुफ्त में किन लोगों को लगवाएगी, यह भी तय नहीं हुआ है, काम शुरू होना तो छोड़िए। आख़िर टीकाकरण की नीति क्या है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में 18 साल से ज़्यादा की उम्र के हर व्यक्ति को कोरोना टीका लगाया जाएगा और वह भी मुफ़्त। सरकार ने इसे देखते हुए एक करोड़ 34 लाख ख़ुराकों का ऑर्डर भी दे दिया है।
ऐसे समय जब देश में रोज़ाना कोरोना संक्रमण के नए मामलों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, सरकार ने इसके रोकथाम की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को कोरोना टीका देने का फ़ैसला किया है।
एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर अब यूरोपीय यूनियन के बड़े देशों- जर्मनी, इटली और फ्रांस ने भी रोक लगा दी है। कोरोना के ख़िलाफ़ दुनिया भर में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान को बड़ा झटका लगा है।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के कम पड़ने की आशंका है। राजस्थान सरकार ने केंद्र को इस बारे में आगाह किया है। हालाँकि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के दावों को खारिज किया है।
कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने के दो दिन में ही अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि टीकाकरण के काम में अब सभी निजी अस्पतालों का इस्तेमाल किया जाए।
कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण का अभियान शुरू हो गया। लेकिन क्या आपको पता है कि टीका लगवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है? कैसे रजिस्ट्रेशन कराना है, कैसे अप्वाइंटमेंट लेना है और क्या-क्या नियम-क़ायदे हैं?
कोरोना संक्रमण क्या इस साल के आख़िर तक फैलना रुक जाएगा? डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि यह सोचना 'अपरिपक्व' और 'अवास्तविक' है कि साल के अंत तक महामारी को रोका जा सकता है।
सवा करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का आँकड़ा काफी बड़ा लगता है, ख़ासकर जब इसकी तुलना हम दुनिया के दूसरे देशों से करते हैं। लेकिन अगर हम इसे प्रतिशत में बदल दें तो तसवीर कुछ दूसरी हो जाती है।