मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले (व्यापमं) महाघोटाले के आरोपी और इस पूरे कांड के सबसे ‘बड़े राजदार’ प्रदेश के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा (60 वर्ष) का सोमवार रात निधन हो गया।
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल महाघोटाले की जाँच एक बार फिर पूरी तरह से ठंडे बस्ते में चली गई है। महाघोटाले की जाँच करने वाले एसटीएफ़ अफ़सरों और अमले को शिवराज सरकार ने कोरोना ड्यूटी में लगा दिया है।
व्यापमं घोटाले में पहली बार कोर्ट ने एक साथ 31 लोगों को दोषी क़रार दिया है। आरक्षक भर्ती में फ़र्ज़ीवाड़े को लेकर कोर्ट ने 12 परीक्षार्थियों, उनकी जगह परीक्षा देने वाले 12 लोगों और सात दलालों को कसूरवार ठहराया है।
चुनाव से पहले दोषियों को सज़ा दिलाने की बात कहने वाले कमलनाथ की सरकार क्या कर रही है? मध्य प्रदेश व्यापमं महाघोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी हाल ही में कोर्ट से ‘क्लीन चिट’ मिल गई है।
घोटाले के कारण चर्चा में रहे व्यापमं को कमलनाथ सरकार ‘बंद’ करने जा रही है। इसकी जगह राज्य कर्मचारी आयोग बनाने की तैयारी है। तो क्या व्यापमं बंद कर नये आयोग बनाने भर से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा?