भारत में एक परसेंट अमीरोें के पास देश की कुल कमाई का बाईस परसेंट हिस्सा है, जबकि दस परसेंट लोगों के पास सत्तावन परसेंट। जबकि नीचे की आधी आबादी को मिलता है बस तेरह परसेंट। गैर बराबरी के पैमाने पर अंग्रेजीू राज के हाल में पहुंच गया है भारत। आखिर क्या है इसकी वजह, और क्या हो सकता है इसका असर?