तमिलनाडु के मतदाताओं ने लोकसभा चुनाव में जहाँ डीएमके गठबंधन को शानदार जीत दिलायी, वहीं 22 विधानसभा सीटों के लिए उप-चुनाव में 9 सीटें मुख्यमंत्री पलानीसामी को जीत दिलाकर सरकार बचा ली। तो क्या वोटर मोदी से नाराज़ थे?
तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार में मंत्री के. टी. राजेंद्र बालाजी ने कहा, ‘जबसे हमने अम्मा (जयललिता) को खोया है, प्रधानमंत्री मोदी हमारे डैडी बनकर आए हैं।'
तमिलनाडु में एआईएडीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन में बीजेपी को सिर्फ़ 5 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर डीएमके भी कांग्रेस को 7 से ज़्यादा सीटें नहीं देना चाहती।
तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार रजनीकांत ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया है। साथ ही यह भी घोषणा कर दी है कि वह लोकसभा में किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में फिर से अपनी सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने दक्षिण के हर राज्य से एक-एक और कुल मिलाकर पाँच बड़ी हस्तियों पर अपनी नज़र गड़ा रखी है।
प्रियंका गाँधी के राजनीति में आ जाने के बाद एक बार फिर राजनीति में वंशवाद, परिवारवाद, भाई-भतीजावाद को लेकर बहस छिड़ गई है। दक्षिण भारत की राजनीति में भी परिवारवाद ही हावी है। हालाँकि केरल में स्थिति अलग है।
पीएम मोदी के तमिलनाडु दौरे पर जाने से पहले ही ट्विटर पर हैशटैग #GoBackModi ट्रेंड करने लगा। इस दौरान लोगों ने ट्विटर पर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ जमकर गुस्सा निकाला।
करुणानिधि और जयललिता की ग़ैरमौजूदगी में यह पहला बड़ा चुनाव है। तमिलनाडु की राजनीति में यह सवाल अहम है कि इन दो बड़े नेताओं की विरासत को कौन और कैसे आगे बढ़ाएगा?
सपा और बसपा से मिले झटके से कांग्रेस अभी उबर भी नहीं पाई है कि दक्षिण में उसके सहयोगी दलों ने नई परेशानियाँ पेश करनी शरू कर दी हैं। कर्नाटक में जेडीएस ने एक-तिहाई सीटों की माँग की है।
दक्षिण की राजनीति में एक बार फिर फ़िल्मी सितारों की धूम है। रजनीकांत, कमल हासन, पवन कल्याण, प्रकाश राज, उपेंदर जैसे कलाकार राजनीतिक दंगल में कूद पड़े हैं। क्या ये फ़िल्मी सितारे एमजीआर या एनटीआर की तरह करिश्मा कर पाएँगे?