देसी शराब का आलू की खेती से क्या लेना-देना? आपको भले न पता हो, लेकिन किसान धड़ल्ले से आलू की खेती में देसी शराब का प्रयोग कर रहे हैं। पढ़िए, क्या कहते हैं किसान और कृषि अधिकारी।
विडियो की तस्वीरें बुलंदशहर के बोहिच का जगल और जमालपुर गांव की हैं। किसान कीटनाशक दवाओं के साथ-साथ शराब भी स्प्रे कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि देसी शराब डालने से एक तो कीट-पतंग नहीं लगते और दूसरे आलू की अधिक पैदावार होती है। किसान यह भी मानते हैं कि इससे आलू जल्द ही पक जाता है।
एक किसान लोकेश कुमार का कहना है कि शराब की स्प्रे से आलू पर कोई असर नहीं पड़ता और आलू में पाला पड़ने का भी ख़तरा कम हो जाता है। एक अन्य किसान ने बताया कि यह काम वह पिछले कई साल से करते चले आ रहे हैं और इससे काफ़ी फ़ायदा होता है।
तो क्या सच में ऐसा है कि देसी शराब से आलू किसानों को फ़ायदा होता है? ज़िला कृषि रक्षा अधिकारी अमन सिंह का कहना है कि यह करना ग़लत है। उन्होंने किसानो से अपील की कि आलू में शराब स्प्रे करना ग़लत है और इसको न किया जाए।
‘देश का किसान एक्सपेरिमेंट करता रहता है’
दरअसल, एक तथ्य यह भी है कि किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए बताने वाला कोई नहीं है। सरकार की ओर से जो अधिकारी लगाए गए हैं वे इतने कम हैं कि किसानों तक सूचनाएँ और जानकारियाँ पहुँच नहीं पाती हैं। इस कारण किसानों को इसका ज़्यादा फ़ायदा मिल नहीं पाता। नतीजा यह निकलता है कि किसान ख़ुद से ही प्रयोग करता रहता है।
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