loader

किसी भी देश में तीन तलाक़ नहीं, भारत में क्यों: शाहनवाज़ 

संसद से लेकर सत्ता के गलियारे तक तीन तलाक़ पर छिड़ी बहस के बीच बीजेपी नेता शाहनवाज़ हुसैन ने सत्य हिंदी से कहा कि जब मुसलिम देशों में भी ट्रिपल तलाक़ को सही नहीं ठहराया गया तो फिर हिंदुस्तान में इसे सही ठहराने की कोशिश क्यों की जा रही है? उन्होंने आगे कहा कि यह मुसलिम महिलाओं के सिविल राइट्स हैं, इसी वजह से यह फ़ैसला लिया गया है। उन्होंने साफ़ किया कि यह कहीं से भी मुसलिम समाज के ख़िलाफ़ कदम नहीं है।

मसजिद में नमाज़ पढ़ने से कोई नहीं रोक सकता : शाहनवाज़

नोएडा में पार्क में नमाज़ अदा करने पर सरकार की तरफ़ से रोक लगाए जाने पर शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि इस फ़ैसले से मुसलिम समाज के लोग बिल्कुल भी नाराज़ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मुल्क के मुसलमानों को मसजिद में नमाज़ अदा करनी चाहिए, चाहे कोई भी सरकार हो मुसलमानों को मसजिद में नमाज़ पढ़ने से नहीं रोका जा सकता है। हुसैन का कहना है कि खुले में चाहे कोई भागवत कथा हो रही हो, कोई धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हों या फिर नमाज़ हो रही हो, इन सबके लिए पार्क में इजाज़त ली जाती है। उन्होंने आगे कहा कि पार्क घूमने और टहलने के लिए बनाए जाते हैं, न कि नमाज़ पढ़ने के लिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कई जगह हैं जहाँ पर खुले में नमाज़ होती है, लेकिन इसके लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए यह अफ़वाह फैलाना कि खुले में नमाज़ को बैन कर दिया है यह ठीक नहीं है, यह एक तरीके से दुष्प्रचार है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' वाली सरकार है।

'भारत का मुसलमान देशभक्त'

शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि हिंदुस्तान के मुसलमानों की देशभक्ति पर कभी शक नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब इस देश का बॅंटवारा हुआ तो जिन लोगों को इस मुल्क से मुहब्बत नहीं थी वे यहाँ से पाकिस्तान चले गए। हुसैन ने कहा कि पूरे विश्व का सबसे ज़्यादा देशभक्त मुसलमान अगर कहीं रहता है तो वह हिंदुस्तान में रहता है। उन्होंने कहा कि यहाँ के मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश और हिंदुओं से अच्छा दोस्त कोई और नहीं हो सकता। इस देश में दोनों क़ौमें ख़ुशी-ख़शी साथ रहती हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

वीडियो से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें