उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने महिलाओं के लिए जो घोषणापत्र जारी किया है उसका आख़िर क्या मायने है? क्या इसे सिर्फ़ कांग्रेस का आखिरी दांव कहकर खारिज किया जा सकता है?
तीन कृषि क़ानून अच्छे थे या बुरे, किसानों के भले के लिए थे या उद्योगपतियों के भले के लिए, सरकार की मंशा अच्छी थी या शोषणकारी इसका जवाब जानने के लिए संसद के माध्यम से ‘चर्चा का प्रावधान’ है। लेकिन क्या चर्चा हुई?
आज़ादी के बाद से भारत कितना बदला? क्या ग़रीबी दूर हुई? क्या असमानता मिटी? ‘वैश्विक भूख सूचकांक’ 2021 में भारत 101वें स्थान पर क्यों है? और दूसरे सूचकांक भी क्या दर्शाते हैं?
1947 की आज़ादी को 'भीख में मिली आज़ादी' बताना ऐसे है जैसे पृथ्वी पर जीवित व्यक्ति वायु के अस्तित्व को खारिज कर दे, लेकिन क्या इसके लिए कंगना की गरिमा को चोटिल करना जायज है? क्या एक महिला का इस तरह अपमान किसी भी रूप में सही है?
एक धोती और लाठी के साथ पूरी ज़िंदगी चलने वाले महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम के पनरुद्धार के लिए सरकार ने 1200 करोड़ रुपये क्यों आवंटित किए हैं? क्या इससे गांधी जी वाली सादगी बची रह जाएगी?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब सिर्फ़ छह महीने बचे हैं तो योगी सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल क्यों किया? वह भी तब जब योगी सरकार साढ़े चार साल की कथित उपलब्धियाँ गिना रही है?
प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल की नयी पुस्तक ‘कौन हैं भारत माता?’ पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सम्बंध में मिथकों को तोड़ने, सत्य को उभारने और प्रकाश को सही जगह डालने की भरपूर कोशिश की है।