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कॉमेडी करने के चक्कर में कमज़ोर रह गई फ़िल्म 'घूमकेतू' की कहानी

फ़िल्म- घूमकेतू

डायरेक्टर- पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा

कास्ट- नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप, इला अरुण, रघुवीर यादव, रागिनी खन्ना

स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म- ज़ी-5

शैली- ड्रामा

रेटिंग- 1.5/5

कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है और ऐसे में अब लगभग सभी फ़िल्में ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ हो रही हैं या होने वाली हैं। इसी में से एक फ़िल्म रिलीज़ हुई है जिसका नाम है 'घूमकेतू'। फ़िल्म में लीड रोल में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, अनुराग कश्यप, रघुवीर यादव और इला अरुण हैं। फ़िल्म का डायरेक्शन पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा ने किया है। 'घूमकेतू' एक शख्स का नाम है और उसी के ईर्द-गिर्द घूमती है पूरी फ़िल्म की कहानी। तो आइए जानते हैं क्या है इस फ़िल्म की कहानी-

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फ़िल्म की शुरुआत होती है घूमकेतू (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) से जो एक बॉलीवुड फ़िल्म राइटर बनना चाहता है लेकिन उसके पिता (रघुवीर यादव) चाहते हैं कि वह उनकी गल्ले की दुकान संभाले इसलिए वह अपने घर से भागकर मुंबई चला जाता है। जाने से पहले घूमकेतू अपने पिता और पत्नी (रागिनी खन्ना) को नहीं बताता है। सिर्फ़ संतो बुआ (इला अरुण) को इस बात की जानकारी होती है। इधर घर में लड़के की खोज शुरू होती है और मामला पुलिस के पास जाता है। मुंबई पुलिस में एक आलसी पुलिस इंस्पेक्टर बदलानी (अनुराग कश्यप) को घूमकेतू को तलाशने का काम सौंपा जाता है। फ़िल्म में कैमियो रोल में महानायक अमिताभ बच्चन, एक्टर रणवीर सिंह, एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, चित्रांगदा सिंह हैं। तो घूमकेतू को इंस्पेक्टर बदलानी ढूंढ पाते है या नहीं? घूमकेतू राइटर बनता है या घर वापस चला जाता है? यह सब जानने के लिए आपको जी-5 पर फ़िल्म 'घूमकेतू' देखनी पड़ेगी।

डायरेक्शन

डायरेक्टर पुष्पेंद्र नाथ मिश्रा के डायरेक्शन में बनी फ़िल्म 'घूमकेतू' में कोई कहानी नज़र नहीं आती। कहानी कहाँ से शुरू होकर कहाँ ख़त्म हो जाती है पता ही नहीं चलता। फ़िल्म में किरदारों का चयन अच्छा किया गया है लेकिन कहानी कमज़ोर होने के कारण सभी की मेहनत बेकार ही लगती है।

nawazuddin siddiqui ghoomketu film review  - Satya Hindi

एक्टिंग

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हर रोल को बख़ूबी निभाना जानते हैं और इस फ़िल्म में उन्होंने अच्छी एक्टिंग की है। इसके अलावा अनुराग कश्यप जो कि एक डायरेक्टर भी हैं उन्होंने एक आलसी पुलिस वाले का रोल अच्छे से निभाया है। इसके अलावा संतो बुआ के किरदार में इला अरुण का किरदार और उनकी एक्टिंग कुछ इस तरह से थी जैसे कि हमारे या आपके घर में बुआ लोग होती हैं। रघुवीर यादव ने भी शानदार एक्टिंग की है, उनकी एक्टिंग भी एकदम रियलिस्टिक लगती है। इसके अलावा बाक़ी स्टार्स- रागिनी खन्ना, ब्रिजेंद्र काला, स्वानंद किरकिरे और सभी ने अच्छी एक्टिंग की है।

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फ़िल्म 'घूमकेतू' में कॉमेडी के एंगल से लोगों को हंसाने की भरपूर कोशिश की गई लेकिन उसकी कहानी निराश करती है। फ़िल्म में नवाज़ुद्दीन की एक लाइन है 'कॉमेडी लिखो बड़ी डिमांड है'। ऐसा लगता है कि इसी लाइन को लेकर फ़िल्म की भी कहानी लिखी गई थी लेकिन उसमें सब मिक्स-अप हो गया। जिसकी वजह से फ़िल्म बिल्कुल मज़ेदार नहीं हो पाई। अगर आप नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और अनुराग कश्यप के फैन हैं तो इस फ़िल्म को एक बार देख सकते हैं।
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दीपाली श्रीवास्तव

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