ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर फ़िल्म 'गिन्नी वेड्स सनी' रिलीज़ हो चुकी है और फ़िल्म का निर्देशन पुनीत खन्ना ने किया है। फ़िल्म की कहानी सुमित अरोड़ा और नवजोत गुलाटी ने लिखी है। पढ़िए, फ़िल्म समीक्षा।
आज बेगम अख्तर का जन्मदिन है। उनका जन्म सात अक्तूबर 1914 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद ज़िले में हुआ था। दादरा, ठुमरी और गजल में महारत हासिल करने वाली बेगम अख्तर संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के अलावा पद्म श्री से भी सम्मानित थीं।
ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म ज़ी प्लेक्स पर फ़िल्म ‘खाली पीली’ रिलीज़ हुई है और इसका निर्देशन डायरेक्टर मक़बूल ख़ान ने किया है। लीड रोल की बात करें तो ईशान खट्टर, अनन्या पांडे और जयदीप अहलावत लीड रोल में हैं।
फ़िल्म ‘सीरियस मैन’ ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है। जैसा फ़िल्म का नाम है वैसे ही सीरियस मुद्दे पर फ़िल्म आधारित है। पढ़िए फ़िल्म की समीक्षा।
आयुष्मान को हाल ही में टाइम मैगज़ीन ने दुनिया की सौ सबसे महत्वपूर्ण हस्तियों की सूची में जगह दी है। डोनल्ड ट्रम्प, शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी सरीखे राष्ट्रप्रमुखों के बीच आयुष्मान खुराना की मौजूदगी है।
वेब सीरीज़ क्रैकडाउन वूट सेलेक्ट पर रिलीज हो गई है। सीरीज़ में लीड रोल में राजेश तैलंग, श्रीया पिलगाँवकर, इक़बाल ख़ान हैं। जानिए कैसी बनी है यह वेब सीरीज़।
लंदन कॉन्फिडेंशियल ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी 5 पर रिलीज़ हुई है। कंवल सेठी के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म की क्या है कहानी और किस दर्जे की है यह फ़िल्म, जानिए समीक्षा में।
हसरत जयपुरी के नाम से मशहूर इक़बाल हुसैन की आज यानी 17 सितंबर को पुण्यतिथि है। उनका जन्म 15 अप्रैल 1918 को हुआ था। बस कंडक्टरी से शुरुआत कर उन्होंने मुशायरों में हिस्सा लेना शुरू किया था।
अपने बेबाक अंदाज और अपनी एक्टिंग के दम पर कंगना ने लोकप्रियता हासिल की है लेकिन कई बार कंगना द्वारा दिये गए उनके कुछ बयान फ़िल्म इंडस्ट्री में विवाद पैदा कर चुके हैं।
फ़िल्म अभिनेता कृष्ण निरंजन सिंह यानी के एन सिंह को कैसे याद किया जाएगा? क्या एक ऐसे अभिनेता के तौर पर जिन्होंने बर्लिन ओलम्पिक छोड़कर बॉलीवुड में नाम कमाया?
अंधविश्वास एक ऐसा विषय बन गया है कि हर कोई इस पर बात करना चाहता है और अब सिनेमा में भी इस पर कई फ़िल्में बनने लगी है और ऐसा ही कुछ फ़िल्म 'सड़क 2' की कहानी में भी देखने को मिला।
लोकप्रियता के केंद्र में आने और नेपथ्य में जाकर गुम हो जाने का चक्र चलता रहता है। अतीत में भारत भूषण, मीना कुमारी और भगवान दादा के बारे में मशहूर है कि वे ग़रीबी में मरे।
कंगना रनौत आए दिन किसी न किसी की विवाद में घिर जाती हैं। नेपोटिज़्म से लेकर सुशांत केस तक कंगना के बयान पर विवाद हो जाता है और उसपर कंगना ग़ुस्सा भी निकालती हैं। आख़िर उन्हें इतना ग़ुस्सा क्यों आता है?