बीते साल फ़रवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफ़राबाद समेत कुछ और इलाक़ों में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।
दिल्ली की एक अदालत ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फ़ैसला दिया है। अदालत ने कहा है कि ‘शांति व क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजद्रोह का क़ानून बहुत ही कारगर हथियार है, पर समाज-विरोधियों को दबाने के नाम पर असहमति की आवाज़ को चुप नहीं कराया जा सकता है।’
पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली पुलिस दिशा के दो सहयोगियों की तलाश में है। पुलिस ने सोमवार को इन दोनों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी कर दिया है।
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल क़िले पर निशान साहिब फहराने के मामले के मुख्य अभियुक्त दीप सिद्धू के बाद एक और अभियुक्त इक़बाल सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।
कीलों की हटाने की फ़ोटो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तो ऐसा लगा कि दिल्ली पुलिस को शायद सरकार की ओर से ऐसा कोई आदेश आया होगा। क्योंकि इसे लेकर सरकार की लगातार आलोचना हो रही थी।
गणतंत्र दिवस पर किसान प्रदर्शन के दौरान हिंसा पर ट्वीट के लिए सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना पर केस दर्ज किया गया है। नोटिस भेजकर उन्हें पुलिस के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।