महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों ने महाराष्ट्र सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी चिंता में डाल दिया है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह साफ कर दिया है कि फिलहाल महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन लगाने पर कोई निर्णय नहीं किया है, लेकिन सरकार किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। राजेश टोपे का कहना है कि महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 9170 नए मामले सामने आए हैं। राजेश टोपे ने एक बार फिर से लोगों से बेवजह बाहर ना घूमने और भीड़भाड़ से बचने की अपील की है।
राजेश टोपे ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र में लॉकडउन को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। लॉकडाउन के बारे में फैसला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य की कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक के बाद लेंगे। राजेश टोपे का कहना है अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन के इस्तेमाल के बाद ही सरकार कोई बड़ा फैसला लेगी। इसके साथ ही टोपे ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पहले ही साफ कर चुके हैं कि जब भी महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की जरूरत 700 मीट्रिक टन को पार करेगी तो राज्य में ऑटोमेटिक लॉकडाउन लगा दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि वैसे तो महाराष्ट्र में 7 जनवरी तक धारा 144 लगाई गई है और इसके साथ शादी और धार्मिक समारोहों में लोगों को निर्धारित संख्या में शामिल होने का आदेश दिया गया है लेकिन इसके बाद भी अगर लोग कोरोना के नियमों और पाबंदियों की धज्जियां उड़ाते पाए जाते हैं तो फिर इसके अलावा और भी सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं। टोपे का कहना है कि बहुत जल्द महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लेंगे और आगे की स्थिति के बारे में कोई फैसला लिया जाएगा। टोपे का कहना है -
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ओमिक्रॉन संक्रमण का पता लगाने के लिए राज्य में ज्यादा से ज्यादा लैव खोली जाएंगी जिससे संक्रमित हुए मरीजों का जल्दी से पता चल सके।
महाराष्ट्र कोविड टास्क फोर्स के प्रमुख संजय ओक का कहना है कि महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है और यह शुरुआती दौर में है। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा वैसे वैसे ही कोरोना के केसों में भी तेजी देखने को मिलेगी। संजय ओक का कहना है कि जनवरी के आखिर में कोरोना की तीसरी लहर महाराष्ट्र में पीक पर होगी। हालांकि संजय ओक का कहना है कि दूसरी लहर के मुकाबले फिलहाल लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की कम जरूरत पड़ रही है। इसके पीछे की वजह के बारे में संजय बताते हैं कि ज्यादातर लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं जिसके चलते उनकी इम्यूनिटी मजबूत हो गई है। जिसके चलते कोरोना का यह डेल्टा वेरिएंट उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं कर रहा है।
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