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एलनाबाद उपचुनाव: बीजेपी-जेजेपी को हराने के लिए तैयार बैठे हैं किसान!

कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर्स पर धरना दे रहे किसानों ने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार की नींद हराम कर दी है। हरियाणा में किसान आंदोलन बहुत मजबूत है और शायद इसीलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे भी जैसे को तैसा वाली भाषा में जवाब दें। 

लेकिन इसके बीच एलनाबाद सीट पर उपचुनाव भी होना है। किसानों ने एलान किया है कि वे इस सीट पर बीजेपी-जेजेपी के उम्मीदवार के ख़िलाफ़ चुनाव प्रचार करेंगे। सिरसा जिले में पड़ने वाली इस सीट पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा। 

यह सीट इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय चौटाला के इस्तीफ़े से खाली हुई थी। चौटाला ने इस्तीफ़ा भी कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में दिया था। 

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किसान नेताओं का कहना है कि वे किसी के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगे लेकिन सत्तारूढ़ दल (बीजेपी-जेजेपी) के उम्मीदवार का विरोध करेंगे। इसके अलावा वे जिला परिषदों और ब्लॉक समितियों में भी बीजेपी-जेजेपी के नेताओं का विरोध करेंगे। 

काले झंडे दिखाएंगे 

किसान नेता रणधीर सिंह ने एचटी से कहा कि बीजेपी-जेजेपी के नेताओं ने अगर एलनाबाद सीट के गांवों में आने की कोशिश की तो उन्हें काले झंडे दिखाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे बीजेपी-जेजेपी के उम्मीदवार की हार चाहते हैं। जबकि अभय चौटाला कहते हैं कि लोग बीजेपी-जेजेपी के नेताओं को सबक सिखाने का इंतजार कर रहे हैं। 

Ellenabad bypoll 2021 tough for BJP JJP in haryana  - Satya Hindi

एलनाबाद सीट इनेलो का गढ़ रही है। इनेलो के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अभय चौटाला यहां से जीत हासिल करते रहे हैं। 

यह उपचुनाव बीजेपी-जेजेपी के लिए प्रतिष्ठा का विषय है। लेकिन किसान आंदोलन को लेकर जिस तरह के हालात हरियाणा में हैं, उसमें बीजेपी-जेजेपी का इस उपचुनाव को जीतना बेहद मुश्किल दिखता है।

किसान आंदोलन का असर! 

किसान आंदोलन के बाद बीजेपी-जेजेपी का हरियाणा के स्थानीय निकाय चुनाव में प्रदर्शन ख़राब रहा था। तीन नगर निगमों में से बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को सिर्फ़ एक निगम में जीत मिली थी। इसके अलावा बरोदा सीट पर हुए उपचुनाव में भी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। तब इस गठबंधन के स्टार उम्मीदवार योगेश्वर दत्त को हार मिली थी। ऐसे में बीजेपी अगर एलनाबाद सीट पर भी हारती है तो यह माना जाएगा कि किसानों की नाराज़गी उसे भारी पड़ रही है।

Ellenabad bypoll 2021 tough for BJP JJP in haryana  - Satya Hindi

हरियाणा के कई जिलों में खाप पंचायतें एलान कर चुकी हैं कि वे बीजेपी-जेजेपी के नेताओं को अपने इलाक़े में घुसने नहीं देंगे। इसके अलावा कई बार इन दोनों दलों के बड़े नेताओं का जबरदस्त विरोध भी किसान कर चुके हैं। 

इनेलो की ओर से अभय चौटाला मैदान में हैं जबकि कांग्रेस और बीजेपी-जेजेपी अपना उम्मीदवार खोज रहे हैं। 

किसान आंदोलन को लेकर जितना दबाव बीजेपी पर है, उतना ही उसके सहयोगी दलों पर। जैसे-जैसे किसान आंदोलन आगे बढ़ता गया, बीजेपी के सहयोगी उसे छोड़ते गए, जो बचे हैं, वे जबरदस्त दबाव में हैं।

मुसीबत में हैं दुष्यंत 

किसानों के दबाव के कारण ही शिरोमणि अकाली दल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एनडीए से बाहर निकल चुकी हैं लेकिन अभय चौटाला के भाई जेजेपी इस मामले में फ़ैसला नहीं ले पा रही है।

किसान लगातार उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी दुष्यंत किसानों के निशाने पर हैं। 

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दुष्यंत के लिए बड़ी चुनौती किसानों का विरोध तो है ही, अपने चाचा अभय चौटाला का किसानों के बीच में बढ़ता जनाधार भी है। जेजेपी को पहली ही बार में 10 सीटें किसानों और जाट बिरादरी के तगड़े समर्थन के कारण मिली थीं लेकिन इस बार किसान और जाट बिरादरी दुष्यंत से नाराज़ दिखती है। ऐसे में अगर एलनाबाद में हार मिली तो निश्चित रूप से दुष्यंत को बीजेपी के साथ बने रहने का अपना फ़ैसला सियासी रूप से भारी पड़ सकता है। 

एलनाबाद सीट पर बीजेपी-जेजेपी को अगर हार मिलती है तो ये हरियाणा में खट्टर सरकार की ताक़त को तो कम करेगी ही और अगर किसान आंदोलन लंबा चला तो अगले विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन की सत्ता में वापसी की उम्मीदें भी बेहद कम हो जाएंगी। 

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क़मर वहीद नक़वी

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