हरियाणा के बीजेपी विधायक विनोद भयाना लॉकडाउन की पाबंदियों के बीच बुधवार को एक गोशाला का उद्घाटन करने पहुंच गए। हरियाणा के हिसार में आयोजित इस कार्यक्रम में 50 से ज़्यादा बीजेपी कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। इस दौरान न तो विधायक को सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल रहा और न ही उनके समर्थकों को। भयाना हांसी सीट से विधायक हैं।
यहां सवाल प्रशासन के ऊपर भी उठता है कि विधायक को इस कार्यक्रम को करने की इजाजत कैसे दे दी गई। हरियाणा और केंद्र, दोनों ही जगह बीजेपी की सरकार है। ऐसे में जब सरकारों की ओर से आम लोगों से कहा जा रहा है कि वे लॉकडाउन का पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो करें तो बीजेपी विधायक और उनके साथियों को यह हक़ किसने दिया कि वे लॉकडाउन के बीच लाव-लश्कर के साथ किसी कार्यक्रम में पहुंच जाएं।
अगर, उत्तर प्रदेश में मजदूरों के लिए बसें उपलब्ध कराने पर लॉकडाउन तोड़ने के आरोप में कांग्रेस के नेताओं के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हो सकता है तो फिर बीजेपी विधायक और उनके साथियों पर क्यों नहीं?
सोशल डिस्टेंसिंग को हवा में उड़ा दिया
इससे पहले दो और ऐसे मौक़े आए हैं, जब अलग-अलग राज्यों में बीजेपी विधायकों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग को हवा में उड़ा दिया। अप्रैल महीने में कर्नाटक बीजेपी के विधायक एम. जयराम ने अपना बर्थडे जोर-शोर से मनाया था। इस मौक़े पर उनके सैकड़ों समर्थक जमा हुए थे और केक काटा गया था। अप्रैल में ही महाराष्ट्र के वर्धा से बीजेपी विधायक दादाराव केचे के घर पर भी उनके बर्थडे के मौक़े पर लगभग 200 लोग जमा हो गये थे।
अपनी राय बतायें