loader

'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले अफ़सर का खट्टर ने किया बचाव

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को करनाल में किसानों के 'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा का बचाव किया है। 

खट्टर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हालांकि अधिकारी के शब्दों का चयन सही नहीं था, लेकिन क़ानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए सख्ती बरती जानी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'अगर कोई कार्रवाई (अधिकारी के ख़िलाफ़) करनी है, तो पहले ज़िला प्रशासन द्वारा इसका आकलन करना होगा। डीजीपी भी इसे देख रहे हैं। क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सख्ती सुनिश्चित करनी होगी।'

इसके एक दिन पहले यानी रविवार को हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि 'इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और संबंधित अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।' 

यानी मुख्यमंत्री अपने ही उप मुख्यमंत्री की कही बात के उलट कह रहे हैं। 

ताज़ा ख़बरें

यह मामला उस घटना से जुड़ा है जिसमें करनाल ज़िले में शनिवार को पुलिस के लाठीचार्ज में क़रीब 10 लोग घायल हुए। किसान उस हाईवे को जाम किए हुए थे जो हरियाणा के करनाल की ओर जाता है। वे बीजेपी की उस बैठक का विरोध कर रहे थे जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।इस लाठीचार्ज से पहले वायरल एक वीडियो में करनाल ज़िले के एक सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट और आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा आन्दोलनकारी किसानों का सिर फोड़ने का निर्देश पुलिस वालों को देते हुए दिख रहे हैं। वे पुलिस कर्मियों को निर्देश देते हैं कि एक सीमा के आगे किसी किसान को किसी कीमत पर आगे नहीं बढ़ने दिया जाना चाहिए, भले इसके लिए उसका सिर फोड़ना पड़े।

वीडियो में आयुष सिन्हा को यह कहते सुना जा सकता है, 'अगर मुझे वहाँ एक भी प्रदर्शनकारी दिखे, तो मुझे उसका सिर फूटा हुआ दिखना चाहिए, हाथ टूटा हुआ दिखना चाहिए।' वे कहते हैं, "बात बहुत ही साफ है, जो भी हो, जहां से भी हो, उसे वहां तक पहुँचने की इजाज़त नहीं है। हमें इस लाइन को किसी भी हाल में पार नहीं करने देना है।" 

अधिकारी के इसी बयान को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ। सवाल उठाए गए कि क्या सेवा नियम में ऐसे निर्देश देने की छूट है? क्या इस तरह से सिर फोड़ने का निर्देश देने के लिए अधिकारी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए? सोशल मीडिया पर तो ऐसे आदेश के लिए अधिकारी को गिरफ़्तार किए जाने तक की मांग की गई। 

मेघालय के राज्यपाल और पूर्व बीजेपी नेता सत्यपाल मलिक ने भी करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की खुलेआम आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस पर माफ़ी माँगने को कहा।

इसके साथ ही मलिक ने लाठीचार्ज का आदेश देने वाले करनाल के सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट को पद से हटाने की माँग की। मेघालय के राज्यपाल ने खुद को किसानों का बेटा बताते हुए कहा, "सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट को तुरत पद से हटा देना चाहिए। वह इस पद के लायक नहीं है, सरकार उनकी मदद कर रही है।" 

हरियाणा से और ख़बरें
सरकार पर इस सबका इतना दबाव पड़ा कि हरियाणा की सरकार में शामिल और राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी कार्रवाई करने की बात कही। 'एनडीटीवी' के अनुसार चौटाला ने कहा है, "2018 के बैच के आईएएस अफ़सर का वीडियो वायरल हो गया है। उस अफ़सर ने शायद बाद में सफाई दी कि वह दो रात से सोए नहीं थे। पर उन्हें पता होना चाहिए किसान 365 दिन से नहीं सो पाए हैं।" उन्होंने आगे कहा, 'कार्रवाई की जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें संवेदनशील होने का प्रशिक्षण दिया जाता है।'
haryana cm ml khattar says strictness was needed against agitating farmers - Satya Hindi

बीजेपी के एक अन्य नेता वरुण गांधी ने भी अफ़सर की आलोचना की थी। उन्होंने ट्वीट किया था, 'मुझे उम्मीद है कि यह वीडियो एडिटेड होगा और डीएम ने ऐसा नहीं कहा होगा... वरना यह मंजूर नहीं है कि एक लोकतांत्रिक देश में हमारे नागरिकों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाए।'

बहरहाल, बीजेपी नेताओं द्वारा ही कार्रवाई की पैरवी किए जाने के बाद अभी तक उस अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई है। अब मुख्यमंत्री के ताज़ा बयान से लगता भी नहीं है कि कोई कार्रवाई होगी। खट्टर कार्रवाई के पक्ष में होते तो क्या यह कहते कि 'क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए, सख्ती सुनिश्चित करनी होगी'?
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें