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पटौदी में मुसलिमों पर भड़काऊ भाषण देने वाला 'जामिया शूटर' गिरफ़्तार

'जामिया शूटर' को गुड़गांव के पटौदी महापंचायत में मुसलिमों के ख़िलाफ़ कथित भड़काऊ भाषण देने के लिए गिरफ़्तार किया गया है। पिछले साल यही आरोपी 17 वर्षीय किशोर था और उसने जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाई थीं। अब हरियाणा के पटौदी से ही उसकी गिरफ़्तारी हुई है। इसके लिए हरियाणा की खट्टर सरकार और हरियाणा पुलिस पर काफ़ी दबाव था। सरकार की इसके लिए तीखी आलोचना की जा रही थी कि खुलेआम ऐसा भड़काऊ भाषण देने पर भी गिरफ़्तारी क्यों नहीं हो रही है। आज ही यानी सोमवार को उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी।

'जामिया शूटर' का कथित भड़काऊ भाषण वाला वीडियो इस महीने के पहले हफ़्ते में ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में आरोपी मुसलिमों पर हमले और मुसलिम महिलाओं के अपहरण का भड़काऊ भाषण दे रहा था। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार गिरफ़्तारी के बाद उसको सोमवार को ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

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इसी आरोपी ने पिछले साल जनवरी में दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास गोलियाँ चलाई थीं। पुलिस ने उस हमलावर को गिरफ़्तार कर लिया था। उसके नाबालिग होने की वजह से उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था जहाँ वह कुछ महीने रहने के बाद बाहर आ गया। और वही इस ताज़ा वीडियो में नफ़रत फैलाता हुआ दिख रहा था।

पटौदी में हुई उस महापंचायत में उसके द्वारा दिए गए भाषण की क्लिपिंग सोशल मीडिया पर साझा की जा रही थी। उस वीडियो में उसको यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जब मुसलिमों पर हमले किए जाएँगे तो वे 'राम राम' चिलाएँगे।

वीडियो में उसे यह कहते हुए भी सुना जा सकता है, 'पटौदी से केवल इतनी सी चेतवानी देना चाहता हूँ, उन जिहादियों को, आतंकवादी मनसिकता के लोगों को, जब सौ किलोमीटर दूर जामिया जा सकता हूँ सीएए के समर्थन में, तो पटौदी ज़्यादा दूर नहीं है।' उसने जय श्री राम के नारे के साथ अपना भाषण समाप्त किया।

दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इसलामिया के पास पिछले साल 30 जनवरी को उसने गोलियाँ चलाई थीं। विश्वविद्यालय के सामने की सड़क पर एक उसने रिवॉल्वर लहराते हुए चिल्ला कर कहा था, ‘ये लो आज़ादी'।

इसके साथ ही उसने 'देश में जो रहना होगा, वंदे मातरम कहना होगा' और 'दिल्ली पुलिस जिंदाबाद' जैसे नारे भी लगाए थे। जामिया शूटिंग के आरोपी के ख़िलाफ़ तब हत्या के प्रयास की एफ़आईआर दर्ज की गई थी।

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार अपराध शाखा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'बाद में उसे किशोर न्याय बोर्ड द्वारा सुधार गृह भेज दिया गया, जहाँ से वह कुछ महीनों के बाद बाहर आया। हमें हाल की घटना के बारे में औपचारिक शिकायत नहीं मिली है और हम मामले को देख रहे हैं।' रिपोर्ट के अनुसार मानेसर के डीसीपी वरुण सिंघला ने कहा कि उन्हें ताज़ा वीडियो के मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है और इस मामले में कोई एफ़आईआर भी दर्ज नहीं की गई है।

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कहा जा रहा है कि वह महापंचायत धर्मांतरण, जिहाद और जनसंख्या नियंत्रण के लिए क़ानून पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। आरोप है कि उस महापंचायत में बीजेपी के प्रवक्ता और करनी सेना के अध्यक्ष सूरज पाल अमू ने भी कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था। 

महापंचायत में अमू ने बिना मुसलिम समुदाय का नाम लिए कहा, “इन .... को इस देश से निकालो, ऐसा प्रस्ताव पास होना चाहिए। इन लोगों के जो पार्क पटौदी में बन रहे हैं, उनके पत्थर उखाड़ दो और इन लोगों को मकान और दुकान किराये पर मत दो।” उन्होंने लोगों से कहा था कि वे "इतिहास बनाएँ, ख़ुद इतिहास नहीं बनें ताकि कोई तैमूर, औरंगज़ेब, बाबर और हुमायूँ न पैदा ले।"

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क़मर वहीद नक़वी

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