loader

सरकार से बातचीत नाकाम, करनाल में बेमियादी धरने पर किसान

'सिर तोड़ने' का आदेश देने वाले आईएएस अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई के मुद्दे पर हरियाणा सरकार और आन्दोलनकारी किसानों के बीच चल रह बातचीत बेनतीजा ख़त्म हो गई।

इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने करनाल के लघु सचिवालय का घेराव अनिश्चित काल तक किए रहने का एलान किया है। 

यह बातचीत का दूसरा दिन था, बुधवार को हुई बातचीत नाकाम रही। इसके पहले मंगलवार को हुई बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला था। 

ख़ास ख़बरें

क्या विवाद है?

हरियाणा के सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा ने 28 अगस्त को करनाल में हुए किसान आन्दोलन से निपटने के लिए पुलिस कर्मियों से कहा था कि 'एक सीमा के आगे किसी किसान को नहीं जाने देना है, ज़रूरत पड़ने पर उसका सिर तोड़ दो।'

बाद में उस एसडीएम का तबादला कर दिया गया। पर किसानों का कहना है कि जहां उनका तबादला किया गया है, वह दंड नहीं ईनाम के समान है। लिहाज़ा एसडीएम आयुष सिन्हा के ख़िलाफ़ दूसरी व कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्हें निलंबित कर दिया जाना चाहिए।

karnal farmers protest against haryana police to continue - Satya Hindi
पुलस कर्मियों को निर्देश देते हुए एसडीएम आयुष सिन्हाtwitter

किसानों का प्रदर्शन

इसके ख़िलाफ़ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को करनाल के लघु सचिवालय के घेराव का एलान किया था। पुलिस ने किसानों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल भी किया, पर किसान डटे रहे। 

किसानों ने लघु सचिवालय के बाहर ही टेन्ट वगैरह लगा लिए हैं और धरने पर बैठ गए हैं। अब उनका कहना है कि वे धरने से तभी उठेंगे जब एसडीएम के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।
राकेश टिकैत ने कहा, "हमें सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरह ही करनाल में भी लंबे समय तक धरने पर बैठे रहना पड़ सकता है।" 

पुलिस कार्रवाई

मंगलवार को ही इसके पहले स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा था कि करनाल पुलिस ने उन्हें, राकेश टिकैत और अन्य कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया था।

लेकिन उन्होंने थोड़ी देर बाद ही फिर एक ट्वीट कर जानकारी दी थी कि किसानों के भारी दबाव और प्रदर्शन के कारण उन्हें पुलिस ने बस से उतार दिया।

प्रशासन ने शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे। उसने बड़ी संख्या में सुरक्षा बल और रैपिड एक्शन फ़ोर्स के जवानों को तैनात कर रखा था। 

साथ ही प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए वॉटर कैनन और भीड़ पर नज़र रखने के लिए ड्रोन का इंतज़ाम भी किया गया था।

किसानों ने कहा था कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे और किसी भी तरह की हिंसा में शामिल नहीं होंगे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

हरियाणा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें