'अगर मुझे वहाँ एक भी प्रदर्शनकारी दिखे, तो मुझे उसका सिर फूटा हुआ दिखना चाहिए, हाथ टूटा हुआ दिखना चाहिए।' अब यदि पुलिसकर्मियों को उच्चाधिकारी से सीधे यह निर्देश मिलेगा तो प्रदर्शन करने वालों का क्या हाल हो सकता है, इसकी कल्पना की जा सकती है। ऐसी कार्रवाई के निर्देश के बाद हरियाणा में प्रदर्शन करने वाले किसानों का क्या हाल हुआ उसे पूरे देश ने देखा। सोशल मीडिया पर शनिवार को ऐसी तसवीरें सामने आईं जिसमें कई किसान ख़ून से लथपथ दिखे।
किसानों के एक समूह पर राज्य पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के बाद क़रीब 10 लोग घायल हो गए हैं। वे उस हाईवे को जाम किए हुए थे जो हरियाणा के करनाल की ओर जाता है। वे बीजेपी बीजेपी की उस बैठक का विरोध कर रहे थे जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
वीडियो वायरल
हरियाणा पुलिस ने शनिवार को उन किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिन्होंने राजमार्ग पर धरना देकर यातायात रोक दिया था। वहाँ बीजेपी की एक बैठक थी। केंद्र की बीजेपी सरकार जब से नये कृषि क़ानून लेकर आयी है तब से किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं की बैठकों और सभाओं का विरोध तो वे करते ही रहे हैं, क्षेत्र का दौरा करने आने पर उनका घेराव भी वे करते रहे हैं। शनिवार को जब बीजेपी नेताओं की बैठक हो रही थी तो किसानों ने इसके ख़िलाफ़ भी हाईवे पर जाम लगा दिया। इसी को लेकर एसडीएम ने किसानों पर कार्रवाई का निर्देश दिया।
वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है कि करनाल के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा कुछ पुलिस कर्मियों के साथ खड़े हैं और उन्हें निर्देश दे रहे हैं।
'सिर तोड़ दो'
वे कहते हैं, "बात बहुत ही साफ है, जो भी हो, जहां से भी हो, उसे वहां तक पहुँचने की इजाज़त नहीं है। हमें इस लाइन को किसी भी हाल में पार नहीं करने देना है।"
“
बस लाठी उठाओ और उन्हें ज़ोर से दे मारो। एकदम साफ है, किसी निर्देश की ज़रूरत नहीं है, बस उन्हें बुरी तरह पीटो।
आयुष सिन्हा, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, करनाल
फिर वह पूछते हैं, "कोई शक?"
पुलिस वाले इसके एक साथ जवाब देते हैं, "नहीं सर।"
विरोध
सोशल मीडिया पर वह वीडियो वायरल होने पर इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुआ। अधिकारी के उस आदेश की आलोचना की जाने लगी। इस विरोध का असर ऐसा हुआ कि सत्ताधारी बीजेपी के लोग भी अधिकारी के उस आदेश की आलोचना करने लगे।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि यह वीडियो एडिट किया हुआ है और डीएम ने ऐसा नहीं कहा है। अन्यथा भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अपने ही नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता है।"
I hope this video is edited and the DM did not say this… Otherwise, this is unacceptable in democratic India to do to our own citizens. pic.twitter.com/rWRFSD2FRH
— Varun Gandhi (@varungandhi80) August 28, 2021
किसानों से जनरल डायर जैसा व्यवहार कर रही खट्टर सरकार!
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 28, 2021
पहले मोदी-खट्टर सरकारों ने तीन काले कानूनों से खेती का खून किया,
अब भाजपा-जजपा सरकार किसानों का खून बहा रही है।#किसान_विरोधी_खट्टर #FarmersProtest
हमारा बयान :- pic.twitter.com/YNjbjbhjQu
बता दें कि पुलिस कार्रवाई के बाद किसानों पर लाठीचार्ज से ग़ुस्साए किसानों ने हाईवे और कई सड़कों को जाम कर दिया। हरियाणा में कई और जगहों पर किसान सड़क पर उतर आए। जाम लगने की वजह से दिल्ली-अमृतसर हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ और कई किमी. लंबा जाम लग गया। पुलिस ने रात को किसानों के गिरफ़्तार साथियों को रिहा कर दिया और इसके बाद किसानों ने भी जाम खोल दिया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि पुलिस ने क्रूर लाठीचार्ज किया है। मोर्चा ने सभी किसानों से सड़क पर उतरने के लिए कहा है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि यह पुलिस और सरकार की गुंडागर्दी है और हमें इसका डटकर विरोध करना है। उन्होंने कहा है कि आसपास के सभी लोग टोल और सड़कों को जाम कर दें।
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