loader

गठबंधन के मुद्दे पर ‘आप’-कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग

लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन को लेकर सहमति न बनने पर दोनों दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है। एक ओर तो कांग्रेस का कहना है कि उसने दिल्ली की 4 सीटों पर नाम तय कर लिए हैं, वहीं दूसरी ओर उसने कहा है कि वह ‘आप’ के साथ गठबंधन तो चाहती है लेकिन यह दिल्ली तक ही सीमित होगा। लेकिन ‘आप’ चाहती है कि कांग्रेस दिल्ली के अलावा पंजाब और हरियाणा में भी गठबंधन करे। 

आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय का कहना है कि अगर दिल्ली में गठबंधन होता है तो बाक़ी दो राज्यों यानी पंजाब और हरियाणा में भी होना चाहिए। लेकिन हरियाणा में आप ने जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन का एलान कर दिया है। ऐसे में गठबंधन की संभावना ख़त्म होती दिख रही है। 

दूसरी तरफ़ दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि हम ‘आप’ के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं। लेकिन हम किसी दूसरे राज्य में गठबंधन के लिए बात नहीं करेंगे। 

बता दें कि दो दिन पहले ही पीसी चाको ने कहा था कि 'आप' के साथ गठबंधन के सभी दरवाजे बंद हो चुके हैं। चाको ने कहा था कि कांग्रेस दिल्ली की सातों सीटों पर जल्द उम्मीदवार घोषित करेगी। 

इससे कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। 

ताज़ा ख़बरें

गठबंधन को लेकर कांग्रेस और ‘आप’ के बीच कई बार बात बनती और बिगड़ती रही है। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाने हैं।

कुछ दिन पहले इस मसले पर कांग्रेस के भीतर ही लेटर वॉर छिड़ गया था और पार्टी दो गुटों में बँट गई थी। एक लेटर लिखा गया था अजय माकन के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों की ओर से जबकि दूसरा लेटर लिखा गया था प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों की ओर से। 

चुनाव 2019 से और ख़बरें

दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा की ओर से अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को लिखे गए लेटर में ‘आप’ के साथ गठबंधन की वकालत की गई थी। साथ ही इस बात का भी दावा किया गया था कि दिल्ली में कांग्रेस के 14 जिला अध्यक्षों में से 12 जिला अध्यक्ष ‘आप’ के साथ गठबंधन चाहते हैं। 

यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि यही अजय माकन प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ‘आप’ से गठबंधन का खुलेआम विरोध करते थे। दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में लिखे गए लेटर में कहा गया था कि ‘आप’ के साथ क़तई गठबंधन नहीं होना चाहिए। इस लेटर में दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको की ओर से दिल्ली में कराए गए सर्वे का भी विरोध किया गया था। 

कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ‘आप’ के साथ गठबंधन पर चर्चा करने के लिए दिल्ली के कांग्रेस नेताओं की जो बैठक बुलाई थी उसमें ‘आप’ के साथ न जाने का फ़ैसला किया गया था।

राहुल गाँधी भी खु़द मंच से इस बात को कह चुके थे कि 'आप' के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं होगा। उसके बाद यह माना जा रहा था कि अब दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावनाएँ ख़त्म हो गई हैं और दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। 

लेकिन कुछ ही दिन पहले यह ख़बर आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने एक रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज कांग्रेस के बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को भेजकर गठबंधन को लेकर सर्वे कराया था। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद इसे राहुल गाँधी को भेजा गया था। 

मुख्यमंत्री और ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल कई बार कांग्रेस से गठबंधन की मंशा जता चुके थे। केजरीवाल सार्वजनिक मंच से भी कह चुके थे कि बीजेपी को हराने के लिए दिल्ली ही नहीं हरियाणा में भी गठबंधन होना चाहिए।

पवार के घर हुई थी मुलाक़ात

गठबंधन की संभावनाओं पर बातचीत के दौरान यह ख़बर भी आई थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के घर पर केजरीवाल और राहुल गाँधी की बातचीत हुई थी। लेकिन तब इस पर राहुल गाँधी कोई फ़ैसला नहीं कर पाए थे। तब यह ख़बरें भी सामने आई थीं कि राहुल गाँधी तो गठबंधन के पक्ष में हैं लेकिन दिल्ली कांग्रेस में गठबंधन को लेकर एक राय नहीं है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

चुनाव 2019 से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें