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सोनिया गाँधी ने रायबरेली, स्मृति ईरानी ने अमेठी से पर्चा दाख़िल किया

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रायबरेली सीट से पर्चा दाख़िल कर दिया है। पर्चा दाख़िल करने के दौरान सोनिया गाँधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा भी मौजूद रहीं। दूसरी ओर बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अमेठी से पर्चा दाख़िल कर दिया है। पर्चा दाख़िल करने से पहले सोनिया गाँधी और स्मृति ईरानी ने हवन-पूजन भी किया। 

पर्चा दाख़िल करने के बाद सोनिया गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। सोनिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी अजेय नहीं हैं और आपको 2004 के नतीजे भी याद रखने चाहिए। बता दें कि 2004 में शाइनिंग इंडिया का दम भर रही बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को हार मिली थी और कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी थी। 

पर्चा दाख़िल करने से पहले सोनिया गाँधी और स्मृति ईरानी ने रोडशो भी किया। भारी गर्मी के बावजूद दोनों नेताओं के रोडशो में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।
raebareli sonia gandhi amethi smriti irani  - Satya Hindi

कांग्रेस का गढ़ रही है रायबरेली सीट

रायबरेली सीट पर एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन ने उम्मीदवार नहीं उतारा है। इस सीट पर 5वें चरण में 6 मई को मतदान होगा। रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। सोनिया गाँधी यहाँ से 2004, 2006, 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुकी हैं। सोनिया रायबरेली सीट से 2004 से जीत हासिल करती आ रहीं हैं। इस बार उनका मुक़ाबला बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह से है। 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यहाँ से हार का सामना करना पड़ा था।

अमेठी में सक्रिय रही हैं स्मृति 

स्मृति ईरानी ने पिछला चुनाव भी अमेठी से ही लड़ा था। पिछले साढ़े चार साल से वह लगातार अमेठी का दौरा करती रही हैं और वहाँ के लिए कई योजनाओं की घोषणा कर चुकी हैं। बीजेपी ने एक बार फिर ईरानी को अमेठी से उम्मीदवार बनाया है। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। इस बार अमेठी में कड़ा मुक़ाबला होने की संभावना जताई जा रही है।अमेठी में स्मृति ईरानी के रोड शो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल रहे। 

बता दें कि अमेठी कांग्रेस की परम्परागत सीट मानी जाती है। यहाँ से पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गाँधी के पिता स्वर्गीय राजीव गाँधी भी सांसद रहे हैं। राहुल गाँधी भी अमेठी से लगातार 3 बार सांसद चुने गए हैं। 2004 में उन्होंने पहली बार यहां से जीत हासिल की थी। फिर 2009 में और 2014 में भी अमेठी ने उन्हें ही चुना। 

वायनाड जाने पर उठाया था सवाल  

बता दें कि राहुल गाँधी ने इस बार केरल की वायनाड सीट से भी पर्चा दाख़िल किया है। राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने पर बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा था कि वह अमेठी से डरकर ऐसी सीटों से चुनाव लड़ने जा रहे हैं जहाँ हिंदू अल्पसंख्यक हैं। कांग्रेस ने इसे सिरे से नकारते हुए कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत में भी लोकप्रिय हैं और वहाँ के नेताओं ने ही राहुल गाँधी से उनके राज्य से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। 

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क़मर वहीद नक़वी

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