loader

सपा ने तेज़ बहादुर को बनाया प्रत्याशी, बढ़ेंगी मोदी की मुश्किलें?

वाराणसी लोकसभा सीट पर हुए एक अहम घटनाक्रम में समाजवादी पार्टी ने नामाँकन के अंतिम समय में अपना प्रत्याशी बदल दिया है। सपा ने पहले यहाँ से शालिनी यादव को प्रत्याशी घोषित किया था, अब उनकी जगह बीएसएफ़ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी ने उन्हें चुनाव चिह्व भी दे दिया है। तेज़ बहादुर यादव यहाँ से गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी के सामने चुनौती पेश करेंगे। 

ताज़ा ख़बरें
सपा के प्रदेश प्रवक्‍ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि एसपी की ओर से अब तक घोषित प्रत्याशी शालिनी यादव अपना नामाँकन वापस ले लेंगी। 

तेज़ बहादुर यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नकली चौकीदार बताते रहे हैं। यादव ने दावा किया था कि क़रीब दस हजार पूर्व सैनिक वाराणसी आकर प्रधानमंत्री मोदी के ख़िलाफ़ प्रचार करेंगे। 

तेज़ बहादुर यादव को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बधाई दी है। केजरीवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती देने के लिए वह तेज़ बहादुर को सलाम करते हैं। 

यादव को गठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि एक ओर तो बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है लेकिन अब गठबंधन ने उसके सामने एक पूर्व जवान को ही मैदान में उतार दिया है, इससे यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब कांग्रेस भी तेज़ बहादुर यादव का समर्थन करेगी, इसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है। 

तेज़ बहादुर यादव ने कहा था कि वह हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। यादव ने यह भी कहा था कि मोदी ने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है।

वाराणसी सीट पर अंतिम चरण में 19 मई को वोटिंग होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर यहाँ से मैदान में हैं। अब पूरे देश की नज़रें वाराणसी लोकसभा सीट पर टिक गई हैं। बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के भी यहाँ से चुनाव लड़ने की जोरदार चर्चा थी लेकिन अब कांग्रेस ने यहाँ से अजय राय को टिकट दिया है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

चुनाव 2019 से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें