मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले से गायों की दुर्दशा और मौत की भयावह तसवीरें सामने आयी हैं। भूख और प्यास से तड़प-तड़प कर नौ गायों ने दम तोड़ दिया। कई बीमार पड़ गईं। कुत्तों और अन्य जानवरों ने मृत गायों के शवों को नोच खाया।
जानकारी के अनुसार, मामला राजधानी भोपाल के पड़ोसी ज़िले होशंगाबाद का है। ज़िला मुख्यालय से लगे सिवनी मालवा तहसील के करीबी गाँव हथनापुरा की गोशाला में गायों की सिलसिलेवार मौतें हुईं। अनेक गायें बीमार पड़
पूरा मामला स्थानीय ग्रामीणों द्वारा वीडियो बनाकर वायरल करने के बाद सामने आया। वीडियो वायरल होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग और स्थानीय प्रशासन हरकत में आया।
भूख-प्यास से गाएँ मरीं
जाँच दल मौके पर पहुँचा तो हालात देखकर हैरान रह गया। श्री दादाजी गोसवा सदन और जीवदया केन्द्र समिति गोशाला में गायों के नौ शव मिले। कई गायों के शव क्षत-विक्षत थे। अनेक गायें बीमार मिलीं।
आरंभिक जाँच में माना गया कि गायों की मौत भूख और प्यास से हुई है। दोनों गोशाला का संचालन पास के गांव का निवासी सुजीत गौर नामक युवक करता है। वह कई दिनों से गोशाला नहीं पहुंचा था। जो कर्मचारी गोवंश की सेवा के लिए तैनात थे, वे भी तीन-चार दिनों से ग्रामीणों को नजर नहीं आये थे।
जाँच के लिए पहुँचे उप संचालक (पशु) जितेन्द्र कुलहारा ने मीडिया से कहा,
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पहली नजर में गोशाला संचालक सुजीत गौर की घनघोर लापरवाही सामने आ रही है। मौत का सही कारण गोवंश के पोस्टमार्टम के बाद साफ हो जायेगा। लापरवाही बरतने वाले संचालक को बख्शा नहीं जायेगा।
जितेन्द्र कुलहारा, उप संचालक (पशु)
जाँच दल ने दोनों गोशालाओं में 120 गायें पायीं। इनमें कई बीमार मिलीं।
एफ़आईआर दर्ज, जाँच शुरू
आरंभिक जाँच के बाद पशुपालन विभाग की शिकायत पर सुजीत गौर के ख़िलाफ़ थाना सिवनी मालवा में पशु क्रूरता अधिनियम और गोवंश निषेध कानून समेत भारतीय दंड विधान की 429 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। उसकी गिरफ़्तारी अभी नहीं हुई है। पशु चिकित्सक डॉक्टर निशांत पटेल को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है।
रविवार दोपहर को एसडीएम अखिल राठौर की अगुवाई में एक टीम जाँच के लिए हथनापुरा गांव पहुंची थी। तमाम पहलुओं पर जाणच की जा रही थी।
लापरवाही की शिकायतें
हथनपुरा गांव के लोगों ने गोशाला में गोवंश को नियमित दाना-पानी नहीं देने और उन्हें भगवान भरोसे छोड़ने की शिकायत मीडिया से की। ग्रामीणों ने बताया, ‘पिछले कई दिनों से गायों को चारा और पानी नहीं दिया जा रहा था। कर्मचारी गायब थे।शिकायत करने के बावजूद कोई एक्शन जिम्मेदार गोशाला संचालक और पशु चिकित्सक ने नहीं लिया। अनदेखी और लापरवाही के कारण ही नौ गायों की मौत हुई एवं अनेक बीमार पड़ गईं।’
साजिश!
गोशाला के संचालक सुजीत गौर ने साजिश की बात मीडिया से कही। गौर ने कहा, ‘मैं पिछले तीन-चार दिनों से बीमार था। होशंगाबाद में रुका हुआ था। इस बीच किसी ने जंगलों में मृत पड़ी गायों के क्षत-विक्षत शव उसकी गोशाला में डाल दिये। कई स्वस्थ गायें गायब कर दीं। उसे फँसाने के लिए यह सब हुआ।’
गौर ने यह भी कहा कि-‘कुछ लोगों ने उसे गोशाला में रखा चारा जला देने और देख लेने की पूर्व में धमकी दी थी। इस बात को उसने पुलिस को बता दिया है।’
गौर ने दावा किया, ‘उसकी गो शालाओं में गोवंश की सेवा और दाने-पानी का पर्याप्त इंतजाम था। पर्याप्त संख्या में कर्मचारी भी यहाँ तैनात थे। साजिश का पर्दाफाश होने पर सचाई सामने आ जायेगी।’
पहले भी आयी हैं ऐसी तसवीरें
मध्य प्रदेश में गोवंश की दुर्दशा से जुड़ी ऐसी दर्दनाक तसवीरें पहली बार सामने आयीं हों, ऐसा नहीं है। इस तरह की भयावह तसवीरें पहले भी प्रदेश के अनेक हिस्सों की गो शालाओं से सामने आती रही हैं।
पिछले बरस भोपाल के समीपवर्ती जिले आगर मालवा की गोशाला में गायों की बड़ी संख्या में मौत, उनके बीमार पड़ने और भारी दुर्दशा होने की तस्वीरों ने गोवंश प्रेमियों के साथ आमजन को भी हिलाकर रख दिया था।
बीजेपी के पूर्व स्थानीय विधायक मुरलीधर पाटीदार ने अनेक सवाल उठाये थे। जाँच बैठी थी, लेकिन बाद में लीपापोती करते हुए प्रकरण को रफा-दफा कर दिया गया था।
आगर मालवा देश की बड़ी गो शालाओं में से एक है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह ने अपने पूर्व के कार्यकाल में गो शाला का निर्माण करवाया था। खूब वाहवाही लूटी थी।
गोवंश की सेवा के अनेक वादे और दावे सरकार द्वारा किये गये थे। जो दावे किये गये थे उनमें आज भी अनेक अधूरे हैं। असल में गोवंश के दाने-पानी की कमी को लेकर प्रदेश भर से गोशाला संचालक और सेवादार बुरी तरह परेशान हैं। लगातार सरकार को शिकायत कर रहे हैं।
सरकारी पक्ष बजट का टोटा होने की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहा है।
‘सत्य हिन्दी’ ने सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा और पशुपालन मंत्री से संपर्क किया, लेकिन दोनों ही टिप्पणी के लिये उपलब्ध नहीं हुए।
रीवा में करंट से 15 गायों की मौत
उधर मध्य प्रदेश के रीवा जिले से रविवार को 15 गायों की दर्दनाक मौत की सूचना आयी। सेमरिया थाना क्षेत्र के ढहिया मोहरा गांव में बिजली का तार टूटने से हादसा हुआ। टूटे तार की चपेट में आयीं 15 गायों की जान करंट लगने से चली गयी। गुस्साए ग्रामीणों ने चक्का जाम किया।बिजली विभाग के कथित लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग ग्रामीण करते रहे। प्रशासन की समझाइश और मारे गये दुधारू मवेशियों की मौतों का मुआवजा दिलाये जाने के आश्वासन पर चक्काजाम समाप्त हुआ। प्रशासन ने हादसे के कारणों का पता लगाने का काम भी शुरू कर दिया है।
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