एग्ज़िट पोल के मध्य प्रदेश से जुड़े संभावित नतीजों में राज्य की कुल 29 में से 24 से 28 सीटें बीजेपी को मिलना भी बताया गया है। एग्ज़िट पोल के नतीजों से बीजेपी में ‘बल्ले-बल्ले’ के हालात बने हुए हैं।
भार्गव ने इस बारे में बाकायदा राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को खत लिखा है। हालाँकि विधानसभा का सत्र आहूत करने का पत्र विधानसभा सचिवालय भेजता है। राज्य मंत्रिमंडल की अनुशंसा के बाद सचिवालय से पत्र राज्यपाल को भेजे जाने की परंपरा है।
कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव से जुड़ा तमाम ब्यौरा उम्मीदवारों तथा विधायकों से लिया है। उन्होंने कमर कस कर मतगणना के लिए तैनात रहने और बीजेपी के किसी भी तरह के दबाव से मुक्त होकर सक्रिय रहने के निर्देश भी दिये हैं।
बीजेपी ख़रीद-फ़रोख़्त पर आमादा: सीएम
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में दावा किया कि - ‘जनता द्वारा सत्ता से बाहर कर दिये जाने के बाद से बीजेपी बेचैन है। अब वह कांग्रेस विधायकों को तोड़ने और ख़रीद-फ़रोख़्त पर आमदा हो गई है।’ कमलनाथ ने कहा, ‘कांग्रेस विधायकों को पद और पैसे के बड़े-बड़े ऑफ़र दिये जा रहे हैं।’“
पूरी स्थिति पर मेरी नज़र है। कांग्रेस और राज्य सरकार का समर्थन करने वाले निर्दलीय एवं अन्य दलों के विधायक बीजेपी के लालच में आने वाले नहीं हैं। विधानसभा के फ़्लोर पर कांग्रेस ने चार बार पहले भी बहुमत साबित किया है और पुन: बहुमत साबित करने के लिए तैयार है।’
कमलनाथ, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
निर्दलीय विधायक बोले, मंत्री बनूँगा
कमलनाथ द्वारा बुलाई गई बैठक में बुरहानपुर के निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेन्द्र सिंह नवलसिंह उर्फ़ शेरा भैया भी पहुँचे। शेरा ने मीडिया से कहा, ‘सदन में नाथ सरकार पहले भी बहुमत साबित किया है और आने वाले समय में भी करेगी।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मंत्रिमंडल का विस्तार होने पर बेशक उन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी।’50 करोड़ तक का ऑफ़र
मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कमलनाथ के साथ हुई बैठक के पूर्व मीडिया से कहा, ‘कांग्रेस के विधायकों को पाला बदलने के लिए बीजेपी 50 करोड़ रुपयों तक की बड़ी राशि देने के साथ तमाम अन्य लालच दे रही है।’“
बीजेपी का कोई भी मसूंबा प्रदेश और देश में पूरा नहीं हो सकेगा। 23 मई को जब नतीजे आएँगे तो बीजेपी-एनडीए प्रतिपक्ष में होगी और यूपीए-कांग्रेस सरकार बनाएगी। बीजेपी के 30 के क़रीब विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ये कांग्रेस का दामन थाम लें तो आश्चर्य ना कीजिएगा।
पी.सी.शर्मा, जनसंपर्क एवं विधि मंत्री, मप्र सरकार
हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र जून में संभावित है। जिस तरह के राजनीतिक हालात पैदा हो रहे हैं उसके मद्देनजर सत्र से पहले कमलनाथ के लिए मंत्रिमंडल विस्तार करना अपरिहार्य सा नज़र आ रहा है। नाथ मंत्रिमंडल में स्वयं मुख्यमंत्री समेत 29 सदस्य हैं। राज्य विधानसभा में कुल सदस्य 230 सदस्यों के हिसाब से अधिकतम 35 मंत्री बनाये जा सकते हैं। इन हालातों में छह पद सीधे-सीधे अभी रिक्त हैं।
एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कमलनाथ कुछ मंत्रियों से इस्तीफ़े लेकर कुछ और पद ‘सृजित’ कर सकते हैं। दरअसल मंत्रिमंडल को लेकर मध्यप्रदेश में ‘एक अनार सौ बीमार’ वाले हालात हैं। पार्टी के ही कई वरिष्ठ विधायक मंत्री ना बनाये जाने को लेकर मुँह फुलाये बैठे हैं।
अपने कर्मों से गिरेगी नाथ सरकार : शिवराज
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त और उन्हें लालच दिये जाने के तमाम आरापों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है, ‘बीजेपी को सरकार बनानी होती तो चुनाव के बाद ही जोड़तोड़ कर लेती। कांग्रेस की सरकार गिराने में बीजेपी को जरा सी भी दिलचस्पी नहीं है। नाथ सरकार अपने कर्मों से गिर जायेगी।’
मध्य प्रदेश विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 230 है। बहुमत के लिए 116 सदस्यों की ज़रूरत है। वर्तमान में कांग्रेस के पास 113 और बीजेपी के पास 109 विधायक हैं। बीएसपी के दो, एसपी के एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना के इस्तीफ़ा देने की वजह से खाली हुई है। इस सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनाव लड़ा है, जबकि बीजेपी से विवेक साहू बंटी उम्मीदवार हैं। चुनाव का नतीजा 23 मई को आएगा।
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