loader

मरहूम राहत इंदौरी पर बीजेपी नेता की बेहूदा टिप्पणी पर बवाल, प्रशंसकों ने घेरा

मध्य प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रांतीय उपाध्यक्ष द्वारा प्रख्यात शायर राहत इंदौरी के निधन के बाद किए गए एक बेतुके ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। राहत साहब के प्रशंसक और प्रेमी, भाजयुमो नेता के साथ पूरी बीजेपी एवं उससे जुड़े संगठनों को घेर रहे हैं।

मध्य प्रदेश भाजयुमो के उपाध्यक्ष अंशुल तिवारी ने राहत साहब के निधन के बाद एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में अंशुल ने लिखा, ‘मसजिदें कबूल थीं, बस मंदिर खटक गए, भूमि पूजन से आहत, राहत सटक गए।’

MP BJP Leader Anshul tiwari stupid tweet on Rahat Indori - Satya Hindi

ओछी और छोटी मानसिकता: कांग्रेस 

अंशुल के ट्वीट पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मीडिया से कहा, ‘यह ओछी और छोटी मानसिकता का परिचायक है। राहत साहब मोहब्बत का पैगाम और देशभक्ति का नाम थे। देश की थाथी थे। राजनीतिक लोगों पर लगने वाले आरोप-प्रत्यारोप पर तो बात हो सकती है, लेकिन साहित्यकार, लेखक और शायरों के लिए इस तरह की भावना रखना अपने आप में एक तरह से संविधान को चुनौती देने जैसा है।’

ताज़ा ख़बरें

ट्वीट को लेकर राहत इंदौरी के अनेक प्रशंसकों ने भाजयुमो नेता और बीजेपी को घेरा है और इसे लेकर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। राहत इंदौरी के एक फैन ने पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के शालीन नेता स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण कराया है। उन्होंने कहा है कि वाजपेयी जी अपने घनघोर से घनघोर दुश्मन को भी सम्मान दिया करते थे। राहत इंदौरी के प्रशंसकों ने यह भी कहा कि किसी की मृत्यु के बाद उसके ख़िलाफ़ इस तरह की टिप्पणियों को भारतीय संस्कृति के ख़िलाफ़ करार दिया गया है।

‘ट्रोल आर्मी’ भी पूरी तरह से सक्रिय है। अंशुल तिवारी के इस ट्वीट को बड़ी संख्या में लोगों ने लाइक किया है। इस ‘आर्मी’ ने राहत साहब के बारे में अनेक भद्दे कमेंट भी किये हैं।

हैरत अंगेज तथ्य यह है कि देश भर के तमाम बड़े बीजेपी नेताओं के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य प्रादेशिक नेताओं ने राहत साहब के निधन पर अफसोस जताते हुए उनके अवसान को साहित्य जगत एवं मध्य प्रदेश-देश के लिए बड़ी क्षति करार दिया है।

एंटी हिन्दू और देश का दुश्मन बताया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने राहत इंदौरी के निधन के बाद ट्वीट दो ट्वीट किये थे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राहत इंदौरी का निधन मध्य प्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री के शोक संवेदना वाले ट्वीट के जवाब में भी बीजेपी के कई कार्यकताओं ने राहत इंदौरी के लिए अपशब्दों का उपयोग किया है। फेसबुक के तमाम ग्रुप्स पर भी राहत इंदौरी को एंटी हिन्दू और देश का दुश्मन बताते हुए कई आपत्तिजनक पोस्ट की गई हैं।

लेकिन सवाल यह है कि जिस पार्टी के मुख्यमंत्री राहत साहब के निधन पर दुख जता रहे हों, उसी पार्टी के कुछ नेता इस तरह की बकवास कर रहे हैं। क्या नफ़रत फैलाने वाले ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई होगी या नहीं?
कोरोना होने के बाद राहत इंदौरी को इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान मंगलवार को उन्हें दो बार हार्ट अटैक आया और उनका निधन हो गया। राहत इंदौरी के मध्य प्रदेश या देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चाहने वाले थे। उनके मशहूर शेर और शायरियों की फेहरिस्त बेहद लंबी है। ऐसी ही एक शायरी जिसमें उन्होंने कहा था- ‘‘मरने पर मेरी एक पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना।’’, बेहद चर्चित है।
मध्य प्रदेश से और ख़बरें

बीजेपी ने पल्ला झाड़ा 

अंशुल तिवारी के जिस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर बवाल छिड़ा हुआ है, वह आज भी तिवारी के ट्विटर अकाउंट और फेसबुक वाॅल पर चस्पा है। बीजेपी के किसी बड़े नेता की ओर से इस मुद्दे पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है। हालांकि बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल ने अंशुल तिवारी के ट्वीट से किनारा करते हुए कहा है कि राहत साहब को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है और वही पूरी पार्टी की लाइन है।

उधर, प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा है, ‘‘बीजेपी का यही कल्चर है और उनकी पाठशाला में वही सिखाया जाता है जो अंशुल तिवारी राहत इंदौरी के निधन के बाद लिख रहे हैं।’’

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजीव श्रीवास्तव

अपनी राय बतायें

मध्य प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें