मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनकी सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों में जुटे बीजेपी नेताओं को ‘निशाने’ पर ले लिया है। बीजेपी सरकार में मंत्री रहे संजय पाठक की खदानें सील करने के बाद शिवराज सरकार में मंत्री रहे भूपेन्द्र सिंह को भी सरकार ने अतिक्रमण का नोटिस थमा दिया है।
मध्य प्रदेश में पिछले पांच दिनों से सियासत गर्म है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के ‘खेल’ में जुटी हुई है। बीजेपी के कथित ‘खेल’ का खुलासा करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने समूचे घटनाक्रम और हॉर्स ट्रेडिंग के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, संजय पाठक और विश्वास सारंग को जिम्मेदार ठहराया है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि इन पांचों ने सरकार में रहते हुए जमकर पैसा कमाया और अब उस धन को कमलनाथ सरकार को गिराने के ‘खेल’ में खर्च किया जा रहा है।
तेजी से बदला राजनीतिक घटनाक्रम
कांग्रेस और सरकार का समर्थन करने वाले कुल दस विधायकों को दिल्ली ले जाया गया था। इनमें बसपा-सपा तथा निर्दलीय विधायक भी शामिल थे। कांग्रेस का आरोप है कि विधायकों को दिल्ली ले जाने और पाला बदलने के लिए मजबूर किये जाने के खेल में शिवराज और उनकी सरकार के चार पूर्व मंत्रियों का अहम रोल रहा। छह विधायकों को कांग्रेस वापस ले आयी जबकि तीन विधायकों का कुछ पता नहीं है। एक विधायक हरदीप सिंह डंग ने अपना इस्तीफ़ा स्पीकर को भेज दिया है।
इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ‘एक्शन’ में हैं। बीजेपी विधायक संजय पाठक की लोहे की दो खदानों पर सरकार ने ताला लटकवा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई 2019 के मध्य से लंबित थी। पुराने कांग्रेसी संजय पाठक ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ‘बीजेपी से प्यार का पंचनामा खदानें बंद करना है तो मुझे सरकार की कार्रवाई मंजूर है।’
‘मजा चखाने’ के मूड में है सरकार
नाथ सरकार ने संजय पाठक के बाद भूपेन्द्र सिंह को निशाने पर लिया है। सागर के मकरोनिया में एक ज़मीन पर कब्जे के मामले में सिंह को नोटिस थमाया गया है। इस ज़मीन पर भूपेन्द्र सिंह का आलीशान होटल और रिसॉर्ट बना हुआ है। बीजेपी की सरकार रहते हुए उन्होंने यह होटल और रिसॉर्ट बनाया था। साफ़ है कि सरकार भूपेन्द्र सिंह को विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के ‘खेल’ में शामिल होने को लेकर ‘मजा चखाने’ के मूड में है।
भूपेंद्र सिंह ने नोटिस मिलने पर कहा, ‘सरकार जिस ज़मीन पर अतिक्रमण बता रही है, वह ज़मीन पुश्तैनी है। पूरी ज़मीन का सीमांकन ही नहीं हुआ है। ऐसे में अतिक्रमण का सवाल ही पैदा नहीं होता है।’ भूपेन्द्र सिंह ने कहा, ‘सरकार यह सब क्यों कर रही है? सब जानते हैं। कांग्रेस अंतरकलह से गुजर रही है। उसके विधायक परेशान हैं। परेशान कांग्रेस विधायकों के रिएक्शन का ठीकरा बीजेपी के सिर फोड़ा जा रहा है।’
ई-टेंडर घोटाले में एक्शन जल्द
कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के कथित ‘खेल’ के मास्टर माइंड बताये जा रहे पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा भी सरकार के निशाने पर हैं। मिश्रा से जुड़े मामलों में सरकार ने जांच तेज कर दी है। ई-टेंडर घोटाले में मिश्रा पर जल्द कोई बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस पर मिश्रा का कहना है, ‘मैं हर तरह की कार्रवाई के लिए तैयार हूं। ई-टेंडर घोटाले में पकड़ने के लिए कोई आएगा तो मैं बैंडबाजों के साथ एजेंसी के पास जाऊंगा।’ इस मामले की जांच मध्य प्रदेश पुलिस का राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो कर रहा है।
कमलनाथ सरकार के निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विश्वास सारंग भी हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे और नाथ सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा, ‘बहुत शीघ्र बीजेपी के नामी-गिरामी चेहरे सलाखों के पीछे होंगे। सरकार में रहते हुए किये गये इनके भ्रष्टाचार के पुख्ता प्रमाण जांच में सामने आ चुके हैं।’
कमलनाथ सरकार के निशाने पर पूर्व मंत्रियों के नाते-रिश्तेदार और दोस्त-यार भी बताये जा रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों पर बड़ी कार्रवाइयों के मूड में है, जिनसे इन पूर्व मंत्रियों की ‘कमर’ तोड़ी जा सके और वे सरकार को गिराने की कोशिशें न कर सकें।
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