चुनाव आयोग के प्रतिबंध का सामना कर रहीं भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नए विवाद में घिर गई हैं। शुक्रवार को बीजेपी के प्रचार वाहन से साध्वी प्रज्ञा की रिकॉर्डिंग चलाये जाने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने साध्वी को घेरा है। उधर मध्यप्रदेश बीजेपी ने साध्वी द्वारा वोट देने की अपील वाली रिकॉर्डिंग चलाये जाने को लेकर कहा है कि चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 72 घंटे तक नया बयान देने से रोका है, रिकॉर्डिंग चलाये जाने से नहीं।’
बता दें कि चुनाव आयोग ने गुरुवार दो मई की सुबह 6 बजे से अगले 72 घंटों के लिए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के प्रचार पर रोक लगा दी है। बाबरी ढाँचे के विध्वंस और मुंबई के होटल ताज पर आतंकी हमले में शहीद पुलिस अफ़सर हेमंत करकरे से जुड़े विवादास्पद बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने प्रज्ञा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है। एक मई की देर शाम चुनाव आयोग ने यह आदेश जारी किया है।
चुनाव आयोग के आदेश के बाद गुरुवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह ने माफ़ी माँगते हुए चुनाव आयोग से अपना फ़ैसला बदलने की गुहार लगाई थी। प्रज्ञा सिंह ने कहा था कि सजा की अवधि 72 घंटे से घटाकर 12 घंटे कर दी जाये। हालाँकि चुनाव आयोग ने प्रज्ञा की पुनर्विचार अर्ज़ी पर अभी तक कोई फ़ैसला नहीं सुनाया है। उधर इस बीच गुरुवार को सुबह से देर शाम तक साध्वी प्रज्ञा सिंह भोपाल के मंदिरों में ‘मत्था’ टेकती रहीं। उन्होंने भजन-कीर्तन के कार्यक्रमों में भी शिरकत की। इन कार्यक्रमों में लोग साध्वी से मिलते-जुलते रहे।
नामाँकन रद्द करने की माँग
गुरुवार के घटनाक्रम को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी चुनाव आयोग के समक्ष पहुँची थी। साध्वी के मंदिर जाने, लोगों से मेल-मिलाप और भजन-कीर्तन के कार्यक्रमों में हिस्सेदारी को चुनाव आयोग के प्रतिबंध का खुला उल्लंघन किये जाने का आरोप कांग्रेस ने अपनी शिकायत में लगाया था। मध्यप्रदेश कांग्रेस चाहती है कि चुनाव आयोग के आदेश की कथित तौर पर अवहेलना करने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह का नामाँकन रद्द कर दिया जाये।
क्या है रिकॉर्डिंग में?
गुरुवार के इस मामले के बाद शुक्रवार को नया विवाद तब पैदा हो गया, जब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के प्रचार वाले बीजेपी के वाहन से साध्वी प्रज्ञा सिंह की रिकॉर्डिंग चलायी गई।
इस रिकॉर्डिंग में साध्वी प्रज्ञा भोपाल के वोटरों से उनके पक्ष में मतदान की अपील कर रही हैं। रिकॉर्डिंग चलाये जाने की सूचना मिलते ही कांग्रेसी खेमा सक्रिय हो गया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा, ‘साध्वी प्रज्ञा सिंह चुनाव आयोग के प्रतिबंध और आचार संहिता का सीधा उल्लंघन कर रही हैं। वह और बीजेपी प्रतिबंध को अपनी राजनीतिक विचारधारा के मुताबिक़ भुनाने की कोशिश में हैं। यदि आयोग निष्पक्ष है तो अब प्रज्ञा का नामाँकन निरस्त करे।’
'रिकॉर्डिंग बजाने पर रोक नहीं'
इस नये विवाद पर मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता और साध्वी प्रज्ञा सिंह के प्रचार की बागडोर संभाल रहे डॉक्टर हितेश बाजपेयी ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा सिंह जी पर प्रतिबंध के दौरान 72 घंटों तक कोई नया बयान नहीं देने से प्रतिबंधित किया है। चुनाव आयोग द्वारा बीजेपी को प्रचार करने से नहीं रोका गया है। साध्वी प्रज्ञा सिंह की जो भी रिकॉर्डिंग शुक्रवार को चली है, वह चुनाव आयोग से एप्रूव्ड है। रिकॉर्डिंग चलाना हमारा अधिकार है।’ डॉक्टर बाजपेयी ने तंज कसते हुए कहा, ‘मध्य प्रदेश कांग्रेस यदि चुनाव आयोग का आदेश ध्यानपूर्वक पढ़ लेती तो इस तरह (मध्य प्रदेश बीजेपी और साध्वी प्रज्ञा सिंह पर चुनाव आचार संहिता आदेश की अवमानना करने) के आरोप लगाने की धृष्टता करने से बच जाती।’
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