दृश्य एक - दिन बुधवार। तारीख़ 1 मई। वक़्त - दोपहर क़रीब पौने दो बजे का। स्थान, भोपाल का बेहद पॉश इलाक़ा अरेरा कॉलोनी का एक पार्क। तापमान 43 डिग्री के आसपास। पार्क में हलचल है। महिला-पुरुष और बच्चों की पार्क में हलचल तेज़ होती है। शेड में लगी कुर्सियों पर महिलाएँ जम जाती हैं। कुछ बची हुई कुर्सियों पर पुरुष बैठे हैं और बाक़ी खड़े हुए हैं। एक लकदक और नई नवेली व्हाइट इनोवा कार का पार्क में प्रवेश होता है। कार से उतरती हैं भगवा वस्त्रधारी भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर। सभा का आयोजन करने वाले नारे लगाते हैं, भारत माता की - जनता का भी साथ मिलता है - ‘जय।’
दृश्य दो - बिना किसी बड़ी भूमिका के आयोजक प्रज्ञा सिंह को भाषण के लिए आमंत्रित करते हैं। साध्वी भाषण शुरू करती हैं। कुल दस मिनट के उद्बोधन में साध्वी काल कोठरी (मालेगाँव बम ब्लास्ट और सुनील जोशी हत्याकांड में जेल में रहने के दौरान) में मिली कथित पुलिस यातनाओं का विस्तार से ज़िक्र करती हैं। वह कहती हैं, ‘अभूतपूर्व यातनाओं के बावजूद मैं टूटी नहीं। कई बार साँसें थमने जैसे हालात बने। ईश्वर ने शायद आज ही के दिन के लिए उन्हें जीवित रखा था।’ इसके बाद साध्वी के निशाने पर होते हैं भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी और उनके प्रतिद्वंद्वी दिग्विजय सिंह।
साध्वी प्रज्ञा दिग्विजय सिंह का नाम नहीं लेतीं, मगर कहती हैं - ‘इस विधर्मी, देश के टुकड़े-टुकड़े कराने के पक्षधर, धार्मिक भ्रष्टाचार और नारी का अपमान करने वाले का सर्वनाश करने का निमित्त बनने का सुअवसर मिला है, इस ज़िम्मेदारी को पूरा करके ही दम लूँगी।’
साध्वी भोपाल से टिकट देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का धन्यवाद करना भी नहीं भूलतीं। वह भगवा के सम्मान, नारी शक्ति का अपमान करने वालों को सबक़ सिखाने और राष्ट्रवाद की रक्षा के लिए आने वाली 12 मई को (भोपाल में वोटिंग वाले दिन) भारी मतों से जिताने की अपील करते हुए अपने अगले पड़ाव के लिए निकल जाती हैं।
दृश्य तीन - शाम छह बजे का वक़्त। स्थान शिवाजी नगर। साध्वी प्रज्ञा सिंह का रथ तैयार। कार्यकर्ताओं की रेलमपेल। बड़ी तादाद में महिला कार्यकर्ता। सिरों पर केसरिया साफा बांधे महिलाएँ। बेसब्री से प्रज्ञा सिंह ठाकुर का इंतज़ार। शाम सात बजे प्रज्ञा का आगमन होता है। हलचल तेज़ होती है। यहाँ मंच पर ‘भारतमाता’ बनी एक कन्या का अभिवादन करते हुए प्रज्ञा उसे भी साथ लेकर रथ में रोड शो के लिए निकल पड़ती हैं। रास्ते में कई जगह स्वागत होता है। प्रज्ञा रथ से अपने संक्षिप्त उद्बोधन में पूरे रास्ते ज़्यादातर वही बातें दोहराती हैं जो वह अपनी सभाओं में कर रही हैं। पुलिस यातना और विधर्मी (दिग्विजय सिंह) को हराने वाली अपील।
रोड शो 12 नंबर इलाक़े में पहुँचकर एक सभा में तब्दील हो जाता है। सभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुँचे हुए हैं। सभा में भी साध्वी अपने भाषण में पुलिस अत्याचार की कहानी सुनाते हुए देश के स्वाभिमान, भगवा की रक्षा और भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए एक बार फिर मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की दुहाई देते हुए बीजेपी को वोट करने की अपील करती हैं। प्रज्ञा का अभियान सुबह 11 बजे शुरू होकर रात 9 बजे तक चला। पूरे दिन निवर्तमान बीजेपी सांसद आलोक संजर और मौजूदा एवं कुछ पूर्व विधायक उनके साथ बने रहे।
सभा में ही मिली बैन की सूचना
बुधवार रात 12 नंबर इलाक़े में आयोजित सभा में मंच पर तब हलचल हुई जब साध्वी के सहयोगी ने उनके कान में कुछ बुदबुदाया और साध्वी के चेहरे की रंगत कुछ उड़ी। दरअसल, चुनाव आयोग का फ़रमान तभी जारी हुआ था। करकरे और बाबरी ढांचा ढहाये जाने संबंधी बयानों को लेकर चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह छह बजे से अगले 72 घंटों के लिए साध्वी प्रज्ञा के प्रचार करने पर रोक लगाई है। इस दरमियान वे प्रचार के साथ इंटरव्यू भी नहीं दे सकेंगी- चुनाव आयोग का ऐसा फ़रमान है।
मुखर हैं मतदाता
युवाओं से किया गया रोज़गार का वादा पूरा नहीं कर पाने के आरोपों की ओर ध्यान दिलाये जाने पर समीक्षा का जवाब होता है, ‘अबकि बार मोदी इस वादे को ज़रूर पूरा करके दिखायेंगे।’ कारपेंटरी का काम करने वाले रामदास ने भी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की तारीफ़ करने से गुरेज नहीं किया। रामदास ने कहा, ‘प्रज्ञा दमदार है, दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को पसीना ला दिया है। आलोक संजर ऐसा नहीं कर पाते। शिवराज होते तो दिग्विजय और कांग्रेस कुछ और ज़्यादा मुश्किल में होती।’
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