मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले से पुलिस की बर्बरता की एक तसवीर सामने आयी है। वायरल हुए एक वीडियो में पुलिसकर्मी सिख ग्रंथी युवक को पीट रहे हैं और उसे बालों से पकड़कर घसीटा जा रहा है। उसे बचाने का प्रयास कर रहे उसके साथियों के साथ भी पुलिसकर्मी मारपीट कर रहे हैं। घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गहरा अफसोस जताते हुए दो पुलिस वालों को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिये हैं।
घटनाक्रम गुरूवार का है। बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के पलसूद थाना क्षेत्र में सिखों के सिकलीगर समाज के युवक प्रेम सिंह के साथ पुलिस द्वारा मारपीट का वीडियो वायरल हुआ। प्रेम सिंह चाबियां भी बनाता है। पुरानी पुलिस चौकी के पास उसकी दुकान है।
प्रेम सिंह का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी गुरूवार को उसके पास आये, इनमें एक महिला पुलिसकर्मी भी थीं और उससे पैसों की मांग की। पैसे ना होने की बात कहने पर पुलिस वालों ने पहले उसके साथ बदसुलूकी की। उसने विरोध किया तो उसकी पिटाई कर दी गई।
पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों ने सिख धर्म की शान मानी जाने वाली पगड़ी की तक परवाह नहीं की। प्रेम सिंह की पगड़ी खींची गई। इसके बाद उसके बाल पकड़कर उसे घसीटा गया। वह गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी एक नहीं सुनी। प्रेम सिंह के कुछ साथियों ने उसे बचाने का प्रयास किया तो उन्हें भी पुलिस ने पीटा।
कमलनाथ ने बोला हमला
वीडियो वायरल होते ही मध्य प्रदेश में राजनीति आरंभ हो गई। घटनाक्रम पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने सबसे पहले शिवराज सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने सिख युवक की पुलिस द्वारा बेदर्दी से पिटाई और केशों के अपमान पर सरकार को घेरा। बीजेपी ने जवाब में कमलनाथ को 1984 के सिख दंगों में दिल्ली में हुए घटनाक्रम की याद दिलाई।
घटनाक्रम का वायरल वीडियो संज्ञान में आने के बाद शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल सक्रिय हो गया। दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ग्रंथी प्रेम सिंह और अन्य सिखों की पिटाई पर तीखी आपत्ति जताई। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से उस वीडियो को भी शेयर किया, जिसमें पुलिसकर्मी प्रेम सिंह को पीटते व घसीटते दिखाई पड़ रहे हैं।
अकाली नेता ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
Too shocking for words! The barbaric & humiliating attack on Giani Prem Singh Granthi & other Sikhs in MadhyaPradesh is utterly inhuman & unacceptable.I urge CM @ChouhanShivraj to set an example of punitive action against those who treat the sword of the nation with such contempt pic.twitter.com/oNzkgmdh2I
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) August 7, 2020
एक्शन में आते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार शाम को एक ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम पर ना केवल आक्रोश जताया, बल्कि वायरल वीडियो में पहली नजर में दोषी दिख रहे दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की घोषणा कर दी।
सीएम शिवराज ने ट्वीट में कहा, ‘‘बड़वानी में एएसआई सीताराम भटनागर और हेड कांस्टेबल मोहन जामरे को सिख बन्धुओं के साथ किये गए अमानवीय व्यवहार के लिए तुरंत निलंबित किया गया है। सिखों के साथ ऐसी बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की जांच इंदौर आईजी द्वारा की जाएगी और इनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।’’
पुलिस की सफाई
उधर, बड़वानी के एसपी निमिष अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के ख़िलाफ़ पुलिस कार्रवाई की जा रही थी। प्रेम सिंह अपनी बाइक से निकला तो उसे रोका गया और लाइसेंस मांगा गया। वह लाइसेंस नहीं दिखा पाया। बाइक पर उसके साथ सवार दूसरे युवक ने शराब पी हुई थी। कार्रवाई करने पर इन्होंने हंगामा मचाया। हंगामा रोकने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की।’’
एसपी अग्रवाल ने यह भी कहा कि प्रेम सिंह के ख़िलाफ़ जबलपुर में चोरी के तीन मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि एसडीओपी राजपुर से इस मामले की जांच करने के लिए कहा गया है।
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