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कमलनाथ ने ट्विटर अकाउंट से सोनिया-राहुल का फोटो क्यों हटाया?

संजय गाँधी के बचपन के दोस्त और इंदिरा गाँधी के तीसरे 'पुत्र' कहलाने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के मन में आख़िर क्या चल रहा है? यह सवाल मध्य प्रदेश कांग्रेस के गलियारों में ज़बरदस्त चर्चा का विषय है। कमलनाथ के पास विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद भी है।

मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। तीन नवंबर को वोट डाले जाने हैं। जबकि 10 नवंबर को रिजल्ट आयेंगे। तमाम राजनैतिक सरगर्मियों के बीच मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ट्विटर अकाउंट प्रोफ़ाइल से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के चेहरे ‘नदारद’ हो गये हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ट्विटर अकाउंट पर अब केवल कमलनाथ ही नज़र आ रहे हैं। अकाउंट में कमलनाथ की तसवीर के साथ जुमला अंकित है, ‘जनता खड़ी है साथ, लौट रहे हैं कमलनाथ।’ यहाँ बता दें, पूर्व में अकाउंट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के चित्र भी होते थे।

sonia-rahul photo missing from mp congress twitter profile, is this kamal nath decision - Satya Hindi

सवाल है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आधिकारिक अकाउंट से सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी की तसवीरें आख़िर क्यों 'नदारद' हुईं? ऐसा क्या हुआ है जो उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान चरम पर होने के बावजूद ‘यह कदम’ (अब केवल कमल नाथ का ही चित्र अकाउंट में रखा जाना, क्यों?) उठाया गया है।

कमलनाथ के गाँधी परिवार से रिश्तों की मिसाल दी जाती रही है। पश्चिम बंगाल के मूल निवासी कमलनाथ को मध्य प्रदेश में इंदिरा गाँधी ने लांच किया था। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से 1980 में कमलनाथ को टिकट दिया गया था। इंदिरा गाँधी ने उनके लिए चुनाव प्रचार भी किया था। कमलनाथ सातवीं लोकसभा के लिए पहली बार 1980 में छिंदवाड़ा से निर्वाचित हुए और फिर छिंदवाड़ा के ही हो गये।

देश में राजनैतिक हालातों में तमाम उतार-चढ़ाव आए, लेकिन कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हवाला कांड में नाम आने की वजह से 1996 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ का टिकट कटा। कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ को कांग्रेस ने छिंदवाड़ा से टिकट दिया। वह जीतीं। हवाला कांड से क्लीनचिट मिलने पर कमलनाथ ने पत्नी का इस्तीफ़ा कराया। उपचुनाव हुए। कमलनाथ उम्मीदवार हुए। बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को उनके सामने उतारा। उपचुनाव में कमलनाथ पटवा से हार गये। इस एक हार को छोड़ दें तो वह छिंदवाड़ा के अजेय विजेता रहे हैं।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों में से कांग्रेस 28 हार गई। गुना के अभेद क़िले को बीजेपी ने भेदते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा दिया। सिंधिया अपने चेले से हारे। लेकिन छिंदवाड़ा कांग्रेस के हाथों में रही। कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने इस सीट को जीतकर कांग्रेस के खाते को शून्य होने से बचाया।

मध्य प्रदेश विधानसभा के 2018 के चुनाव नतीजों के बाद से कमलनाथ के रिश्ते राहुल गाँधी से बिगड़ने की ख़बरें आने लगी थीं। बताया गया था कि राहुल गाँधी राज्य के मुख्यमंत्री पद की बागडोर सिंधिया को देने के पक्ष में थे, लेकिन सोनिया गाँधी के हस्तक्षेप की वजह से कमलनाथ सीएम बनने में कामयाब हुए थे।

राहुल गाँधी से ख़फा हैं कमल नाथ!

कमलनाथ की राहुल गाँधी से कथित तौर पर ताज़ा नाराज़गी की वजह इमरती देवी एपिसोड को बताया जा रहा है। कमलनाथ ने इमरती देवी को ‘आइटम’ बताया है। उनके इस कथन ने राज्य में बीजेपी को चुनावी बढ़त दे दी है। 

बीजेपी की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को खतो-खिताबत भी हुई है। राहुल गाँधी से भी बीजेपी ने सवाल किये हैं। राहुल गाँधी की प्रतिक्रिया आयी है। अपनी प्रतिक्रिया में राहुल ने कमलनाथ की टिप्पणी को अनुचित बता दिया है। एक अपुष्ट चर्चा तो यह भी है कि राहुल गाँधी ने इस मसले पर सीधे कमलनाथ से बात करते हुए खिन्नता भी जता दी है। ‘आइटम’ वाली टिप्पणी को लेकर सोनिया गाँधी भी कमलनाथ से नाराज़ बताई जा रही हैं।

इन्हीं समीकरणों को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ट्विटर अकाउंट वाले ‘तसवीर एपिसोड’ से जोड़कर देखा जा रहा है। कमलनाथ की टिप्पणी इस मसले पर नहीं आयी है। बीजेपी ने ज़रूर चुटकियाँ ली हैं।

बीजेपी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है, ‘मध्य प्रदेश में अब सोनिया-राहुल कांग्रेस नहीं रही है, यहाँ तो कमलनाथ कांग्रेस हो गई है।’ मसला संवेदनशील है, लिहाज़ा कांग्रेस के प्रवक्ता और नेता ऑन रिकार्ड इस मुद्दे पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर ‘सत्य हिन्दी’ से कहा,

‘मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी को प्राइवेट लिमिटेड की तरह चलाया जा रहा है। पन्द्रह सालों के बाद सत्ता में आयी कांग्रेस की सरकार गई ही प्राइवेट लिमिटेड और तथाकथित कार्पोरेट कल्चर वाले रवैये की वजह से।’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं कि बहुत अच्छा भविष्य कांग्रेस का मध्य प्रदेश में उन्हें फ़िलहाल तो नज़र नहीं आ रहा है। वह उपचुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस में दूसरे दौर की भगदड़ मचने के आसार भी वे जता रहे हैं।

आमूल-चूल परिवर्तन करना होगा

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, ‘कांग्रेस आलाकमान को ना केवल मध्य प्रदेश, बल्कि वजूद खो देने वाले हरेक राज्य में नये सिरे से सेकंड लाइन तैयार करना चाहिए। यदि अब भी इस दिशा में प्रयास नहीं हुए तो कांग्रेस पूरी तरह से गर्त में चली जायेगी।’

भटनागर यह भी कहते हैं, ‘कार्पोरेट कल्चर चलने वाला नहीं है। जनता से घुल-मिलकर और संजीदा मुद्दों को ताक़त से रखकर ही नये सिरे से कांग्रेस के लिए जगह बन पायेगी।’

उपचुनाव के बाद कुछ बड़ा होने के आसार!

मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव नतीजों के बाद राज्य कांग्रेस में कुछ बड़े उलटफेर की संभावना सूत्र बता रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि उलटफेर में सीधे-सीधे प्रभावित कमलनाथ और उनसे जुड़े लोग होंगे।

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संजीव श्रीवास्तव

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