'आज के शिवाजी- नरेंद्र मोदी' किताब को लेकर बीजेपी ने भले ही अपना पल्ला झाड़ लिया हो लेकिन महाराष्ट्र में इस किताब को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कांग्रेस ने नागपुर के जिला परिषद के चुनाव में आधी से ज़्यादा सीटें जीत ली हैं। जिला परिषद की 58 में से 30 सीटें कांग्रेस और 10 सीटें उसकी सहयोगी एनसीपी को मिली हैं।
एक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान रखने वाले गेट-वे ऑफ़ इंडिया पर रात जो तसवीर थी वह 'इंडिया गेट' जैसी नज़र आयी जो अक्सर आंदोलनों-धरनों-प्रदर्शनों का गवाह रहा है।
आख़िर बीजेपी के नेताओं में सावरकर के प्रति अचानक इतना प्रेम कैसे उमड़ आया है। यह उनकी सावरकर के प्रति सच्ची श्रद्धा है या इसमें भी कहीं कोई राजनीतिक चाल छुपी हुई है?
महाराष्ट्र में जब चुनाव प्रचार चल रहा था तब नेता किसानों का 'मसीहा' बनने का दावा कर रहे थे। किसान तब भी आत्महत्या कर रहे थे और जब नेता चुनाव जीतने के बाद क़रीब एक महीने तक सत्ता के लिए तिकड़म चला रहे थे तब भी किसान आत्महत्या ही कर रहे थे।
भीमा कोरेगाँव हाल के वर्षों में काफ़ी विवादों में रहा है। ‘अर्बन नक्सल’ तक कहानी भी पहुँची भीमा कोरेगाँव में 2018 में हिंसा के बाद ही। आख़िर भीमा कोरेगाँव पर इतना विवाद क्यों है?
महाराष्ट्र में हुए मंत्रिमंडल विस्तार से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कुछ नेता ख़ुश नहीं दिखाई दे रहे हैं। लेकिन क्या इससे सरकार की स्थिरता को कोई ख़तरा होगा?
महाराष्ट्र की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से बग़ावत कर बीजेपी को समर्थन देने वाले अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।
ऐन मौक़े पर एनसीपी से बग़ावत कर बीजेपी की सरकार बनवाने वाले अजीत पवार का फिर से शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार में महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनना तय है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस यानी एनसीपी नेता शरद पवार ने अब भीमा कोरेगाँव मामले की जाँच के लिए सही तरीक़े से जाँच के लिए विशेष जाँच दल यानी एसआईटी बनाने की माँग की है।