loader

क्या इमरान खान पागल हो गए हैं?

एसप की दंतकथाओं में एक ऐसे लड़के की कहानी है जो ‘भेड़िया आया, भेड़िया आया’ चिल्ला कर गाँव वालों को बेवक़ूफ़ बनाता है मानो भेड़ के झुंड पर भेड़िया हमला करने वाला हो। बाद में जब एक असली भेड़िये ने भेड़ पर हमला किया और जब लड़के ने मदद की गुहार की तब इस बार गाँव वालों ने उस पर विश्वास नहीं किया और भेड़िये ने सभी भेड़ों को मार डाला। इमरान ख़ान को अच्छी तरह से इस कहानी को पढ़ने की ज़रूरत है।
जस्टिस मार्कंडेय काटजू

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने मंगलवार को पाकिस्तानी संसद को संबोधित करते हुए कहा कि ‘इसमें कोई शक नहीं है कि भारत कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमले का ज़िम्मेदार है’।

अतिशयोक्ति और झूठ बोलना नेताओं में प्रायः आम बात होती है लेकिन यह कथन वास्तव में सबसे बदतर है!

इस दावे के समर्थन में सबूत कहाँ हैं? या अब इन सबूतों का निर्माण किया जाएगा?

इमरान ख़ान ने यह भी कहा कि उनके मंत्रिमंडल को इस हमले के बारे में दो महीने पहले ही पता चल गया था। लेकिन न तो उन्होंने और न ही उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों, जैसे उनके विश्वस्त  फवाद चौधरी, ने पहले कभी इसका उल्लेख किया।

ताज़ा ख़बरें

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के मजीद ब्रिगेड ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है जिसमें ग्रेनेड और राइफल का इस्तेमाल किया गया और कई लोग मारे गए। कुछ पाकिस्तानियों ने जैसे कि अमजद शोएब, एक पाकिस्तानी रक्षा विश्लेषक और सेवानिवृत्त जनरल, बिना किसी विलम्ब के ये बयान दिए कि भारत बी एल ए को हथियार, प्रशिक्षण और धन मुहैया करा रहा है। लेकिन इसका सबूत कहाँ है? 

भारत और बलूचिस्तान के बीच कोई सन्निहित सीमा नहीं है। भारतीय सीमा सिंध और पंजाब से लगी हुई है और इस सीमा पर बहुत कड़ी सुरक्षा है। 

फिर भारतीय हथियार बलूचिस्तान तक कैसे पहुँच सकते हैं? और भारत द्वारा बी एल ए को प्रशिक्षण या धन उपलब्ध करावाने का प्रमाण कहाँ है।

पाकिस्तान सरकार के कुप्रबंधन के कारण आज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है, लोग  घोर संकट में हैं, व्यापक पैमाने पर भयंकर ग़रीबी, बढ़ती बेरोज़गारी, बाल कुपोषण के चौंकाने वाले आँकड़े सामने आ रहे हैं, स्वास्थ्य सेवायें अत्यंत दुर्लभ हैं और अधिकाँश जनता के लिए अच्छी शिक्षा या शैक्षणिक संस्थान तक उपलब्ध नहीं है।

इसलिए जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसे मुद्दों और बहानों का इजाद किया जा रहा है। पाकिस्तानी अधिकारियों के लिए ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, भारत को पाकिस्तान की सभी बीमारियों के लिए दोषी ठहराना।

विचार से ख़ास

एसप की दंतकथाओं (Aesop's fables ) में एक ऐसे लड़के की कहानी है जो ‘भेड़िया आया, भेड़िया आया’ चिल्ला कर गाँव वालों को बेवक़ूफ़ बनाता है मानो भेड़ के झुंड पर भेड़िया हमला करने वाला हो। बाद में जब एक असली भेड़िये ने भेड़ पर हमला किया और जब लड़के ने मदद की गुहार की तब इस बार गाँव वालों ने उस पर विश्वास नहीं किया और भेड़िये ने सभी भेड़ों को मार डाला।

इमरान ख़ान को अच्छी तरह से इस कहानी को पढ़ने की ज़रूरत है, और जनता की नज़र में ख़ुद को हर बार मूर्ख साबित करना बंद करने की भी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
जस्टिस मार्कंडेय काटजू

अपनी राय बतायें

विचार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें