बीजेपी ने सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर सरकार को घेरने में कामयाबी हासिल की है। लगता है, उसकी रणनीति सियासी फ़ायदा उठाना है।
इनलो की गोहाना रैली में हो-हल्ले के बाद चौटाला परिवार में कोहराम मचा हुआ है। कहीं यह ओमप्रकाश चौटाला द्वारा अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी तो नहीं?
भारी बहुमत और अहम पदों पर होने के बावजूद कुछ हिदुओं को क्यों लगता है कि वे भारत में असुरक्षित हैं? क्या हिंदू धर्मग्रंथ दूसरे समुदायों से घृणा करना सिखाते हैं?
सीपीएम किसी भी क़ीमत पर सांप्रदायिक ताक़तों को रोकना चाहती है, भले ही उसे कांग्रेस का समर्थन ही क्यों न करना पड़े। पर वह उसे समर्थन चुनाव के बाद ही देगी।
हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला बीएसपी प्रमुख मायावती को पीएम देखना चाहते हैं। चौटाला के बयान के बाद फिर विपक्ष के पीएम उम्मीदवार को लेकर सवाल खड़ा हो गया है।
राहुल गांधी कहते हैं कि अगर सहयोगी चाहेंगे, तो वह प्रधानमंत्री बनने से हिचकिचायेंगे नहीं। 2019 में विपक्ष अगर जीता, तो मुक़ाबला क्या राहुल और मायावती में होगा?