1947 में 15 अगस्त को भारत के आख़िरी छोर गुजरात में गुहार माटी नाम की जगह पर सूर्यास्त का समय वही था। धोनी ने अपने कैरियर के सूर्यास्त यानी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के लिए वही समय चुना।
अधूरी लालसा
शायद उनकी लालसा और तमन्ना होगी कि एक शानदार पारी और मुकाम के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करें। इसके लिए उन्हें दोष देने वालों को यह याद दिलाना ज़रूरी है कि सुनील गावस्कर से लेकर सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली से लेकर युवराज तक, सभी खिलाड़ियों में यह इच्छा दिखाई दी है। कपिल देव, अनिल कुंबले, श्रीनाथ, वी. वी. एस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं।पहली, पिछले साल यानी 2019 में 50 ओवर के विश्व कप में न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफ़ाइनल में हार की कसक और दूसरी उससे कुछ महीने पहले इंडियन प्रीमियर लीग के फ़ाइनल में मुंबई इंडियंस के हाथों मात्र एक रन से हार का दर्द।
पहली बात का जीता-जागता सबूत उनके इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए चार मिनट लंबे वीडियो के अंत में साफ़ ज़ाहिर होता है। यह वीडियो उनके उस मैच में रन आउट होने के शॉट के साथ ही फ्रीज किया गया है। बाद में बाहर आई खबरों के अनुसार ड्रेसिंग रूम में लौटने के बाद वह बाथरूम में मुंह में कपड़ा डालकर फूट-फूटकर रोए थे।
कैप्टन कूल
साफ़ ज़ाहिर होता है कि ‘कैप्टन कूल’ निजी ज़िंदगी में भी कितने शांत, व्यावहारिक और ज़िंदगी की सच्चाई की समझ रखने वाले व्यक्ति हैं। वास्तविकता से अच्छी तरह वाकिफ धोनी से ज्यादा यह बात और कौन समझता होगा कि चढ़ते सूरज को सभी सलाम करते हैं और डूबते को इतनी जल्दी भूल जाते हैं कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है। दार्शनिकता की समझ का यह भाव बहुत कम विश्व स्तरीय खिलाड़ियों में दृष्टिगोचर हुआ है।आने वाले समय में शायद यह साबित हो जाएगा कि वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और अन्य जगहों पर चल रहे खेलों और चालों से नावाकिफ नहीं थे।
राजनीति नहीं
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष सौरभ गांगुली से उनके रिश्ते भी जगजाहिर हैं और शायद इसी कारण से उनका कॉन्ट्रैक्ट भी रिन्यू नहीं हुआ है। इसके अलावा पिछले लोकसभा चुनावों में उन पर एक ख़ास राजनीतिक पार्टी के लिए प्रचार करने का काफी दबाव था, लेकिन उन्होंने इसे क़बूल नहीं किया।चमकदार कैरियर
रैना और विराट कोहली के चित्रों को भी बहुत सोच समझ कर, गाने के आख़िरी 30 सेकंड में जो कमेंट्री है, उस पर लगाया गया है। यह बहुत ध्यान से देखने वाला वीडियो है, क्योंकि इसे देखते हुए उनका पूरा क्रिकेटिंग कैरियर चित्रों के सहारे स्पष्ट हो जाता है।धोनी की अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों से पूरा क्रिकेट जगत वाकिफ है, इसलिए बस एक लाइन में यह ज़िक्र करना ज़रूरी है कि 2007 में टी20 का विश्व कप, 2011 में 50 ओवर एकदिवसीय क्रिकेट ट्रॉफी और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाले वह एकमात्र अंतरराष्ट्रीय कप्तान हैं।
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