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49 साल बाद ओलंपिक सेमीफ़ाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी

भारतीय हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में ब्रिटेन को 3-1 से हरा कर सेमीफ़ाइनल में जगह बना ली है। भारतीय पुरुष हॉकी 49 साल बाद सेमीफ़ाइनल में दाखिल हुई है। 

 भारत की ओर से ज़बरदस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए दिलप्रीत सिंह (सातवें), गुरजंत सिंह (16वें) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) ने गोल किये। ग्रेट ब्रिटेन की तरफ से एकमात्र गोल सैमुअल इयान वार्ड (45वें) ने किया।

भारतीय हॉकी टीम 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के बाद पहली बार सेमीफ़ाइनल में पहुँची है। भारत सेमीफ़ाइनल में मौजूदा विश्व चैंपियन बेल्जियम से भिड़ेगा, जिसने क्वार्टर फाइनल में स्पेन को 3-1 से हराया।

दूसरा सेमीफाइनल आस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच खेला जाएगा। 

अंतिम पदक 1980 में!

भारत ने ओलंपिक में आखिरी पदक मॉस्को ओलंपिक 1980 में स्वर्ण पदक के रूप में जीता था, लेकिन तब केवल छह टीमों ने भाग लिया था और राउंड रोबिन आधार पर शीर्ष पर रहने वाली दो टीमों के बीच स्वर्ण पदक का मुक़ाबला हुआ था।

ब्रिटिश रक्षकों ने पहले मिनट में ही सर्कल में अफरातफरी होने के बावजूद गोल बचा दिया। इसके तुरंत बाद ब्रिटेन को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसका भारतीयों ने अच्छा बचाव किया।

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दिलप्रीत ने सातवें मिनट में ब्रिटिश रक्षकों की गलती का फायदा उठाकर गोल दाग दिया।

उन्होंने हालांकि गेंद पर बहुत अच्छी तरह से नियंत्रण बनाया और जब उनके सामने केवल गोलकीपर थे तब उन्हें अच्छी तरह से छकाया, भारतीय टीम ने रक्षण पर ध्यान दिया और बीच बीच में मौके बनाये।

पहले क्वार्टर में ब्रिटेन के पास अधिक गेंद रही, लेकिन भारतीय टीम अधिक आत्मविश्वास में दिखी।

श्रीजेश ने फिर से अपने अनुभव और कौशल का परिचय देकर 12वें मिनट में बेहतरीन बचाव करके ग्रेट ब्रिटेन को बराबरी नहीं करने दी।

दिलप्रीत को बीच में ग्रीन कार्ड भी मिला, लेकिन ग्रेट ब्रिटेन इसका फायदा उठाने में नाकाम रहा। उसकी पासिंग भी अच्छी नहीं थी। 

दूसरे क्वार्टर में उसके पास सबसे अच्छा मौका तब आया जब जाचरी वालेस तेजी से गेंद लेकर आगे बढ़े। उन्होंने डी में अच्छी पोजीशन पर दिख रहे क्रिस्टोफर ग्रिफिथ को गेंद दी, लेकिन वे उस पर नियंत्रण नहीं बना सके। 

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क़मर वहीद नक़वी

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