विद्यासागर की मूर्ति को खंडित करने की बात को ममता ने बंगाली अस्मिता से जोड़ दिया है। अब ममता अंतिम नौ सीटों को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
बीजेपी ने बंगाल की तासीर को समझा ही नहीं है। ‘ख़ून के बदले ख़ून’ की नीति पर चलते हुए और तृणमूल से मुक़ाबले के नाम पर उसने पूरी पार्टी को गुंडों को सौंप दिया है।