दिल्ली के दंगों में हज़ारों लोगों का सब कुछ तबाह हो गया। मुस्तफ़ाबाद का शिव विहार इलाक़ा मुसलमानों से खाली हो चुका है। बिना सुरक्षा के भरोसे के वे लोग कैसे वापस अपने घरों में जाएंगे?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार द्वारा बनाई गई जांच कमेटी ने पाया था कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने देश तोड़ने वाले नारे नहीं लगाये थे। तो फिर अब केजरीवाल ने कन्हैया के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की इज़ाजत क्यों दे दी? सुनिये, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
दिल्ली के दंगों में पिस्तौल और बंदूकों का जमकर इस्तेमाल हुआ। यह पहला मौक़ा है जब दंगों में इतने घातक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इससे पहले दंगों में अमूमन लाठी, चाकू का इस्तेमाल होता रहा है। इतनी बड़ी मात्रा में हथियार कहां से आये, यह एक बड़ा सवाल है।
जब पुलिस ने चाहा, तो दिल्ली में दंगा तीन दिन तक चलता रहा और जब नहीं चाहा तो तीन घंटे में रोक दिया। अब मारे गये लोगों की लाशों में धर्म के आधार पर ‘सफलता’ की पहचान की जा रही है। बहुत सारे लोगों को अभी संतोष नहीं हुआ है। इस दंगे के बाद सामुदायिक बंटवारा और गहरा हो गया है। राजनीति इसकी अच्छी फसल काटेगी। दिल्ली दंगों पर सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह का विश्लेषण।
दंगाइयों की भीड़ दिल्ली के करावल नगर में रहने वाले लोगों के घरों में घुसना चाहती थी तो ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने दिल्ली की सीमा में घुसकर उन्हें खदेड़ दिया।
दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाक़ों सीलमपुर, जाफ़राबाद, मुस्तफ़ाबाद तक में अवैध धंधों की भी भरमार है और अंडर वर्ल्ड के साथ-साथ अवैध हथियारों का धंधा भी यहां खूब होता है।
दिल्ली में हुए दंगों में मरने वालों और घायलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दंगों के बाद यह बात साफ़ दिखती है कि दोनों समुदायों के मन में जो टकराव है वह गहरा हो चुका है और दोनों ही ख़ुद को इस बात के लिये तैयार कर रहे हैं कि अगर भविष्य में उन पर कहीं हमले हों तो, वे मुक़ाबले के लिये तैयार रहें। इसके अलावा ऐसा लगता है कि दंगाइयों को ट्रेनिंग दी गई है। दिल्ली दंगों को लेकर सुनिये क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने।
दिल्ली दंगों के मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के ख़िलाफ़ बिहार की मुज़फ्फरपुर अदालत में मुक़दमा दर्ज किया गया है। मिश्रा पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में मुक़दमा दर्ज किया गया है।
दिल्ली में तीन दिन तक चले दंगों में दंगाइयों ने कुछ नहीं छोड़ा। दंगाइयों ने मज़हब के आधार पर लोगों को निशाना बनाया और उनके परिजनों, घर के सामान को फूंक दिया। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने दंगाइयों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। ऐसे ही लोगों के बारे में सुनिये इस वीडियो में।