चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक कैसे शहीद हो गए और वहाँ किस तरह का घटनाक्रम चला, इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। आख़िर वहाँ हुआ क्या था?
मध्य प्रदेश के फरहेदा गाँव का 21 साल का वीर सपूत गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई भारतीय सैनिकों की मुठभेड़ में शहीद हो गया। आठ महीने पहले इस जवान की शादी हुई थी।
16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर संतोष डेढ़ साल से लद्दाख में सेवारत थे। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कुल 20 सैनिक शहीद हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आख़िरकार लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ और गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने आज कहा कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
लद्दाख के गलवान इलाक़े में भारतीय और चीनी सेना के हिंसक झड़प में जवानों के शहीद होने पर आज पहली बार बयान आया है। उन्होंने कहा है कि जवानों की शहादत दुखद और पीड़ादायक है।
लद्दाख में चीनी घुसपैठ और बड़ी संख्या में सैनिकों के हताहत होने को लोकर राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री क्यों छिप रहे हैं?
चीन की सेना के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि चीन की आक्रामकता के ख़िलाफ़ दृढ़ता से खड़ा रहा जाए और वास्तविक स्थिति को देश को बताया जाए।
किसी को अपने पिता के लौटने का इंतज़ार था तो किसी को अपने बेटे का। किसी को अपने पति का तो किसी को अपने भाई और दोस्त का। जब आख़ीरी बार बातें हुई थीं तो जल्द लौटने का वादा किया था। वे लौटे भी। लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए।
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद होने वाले पाँच जवानों में से एक कर्नल आशुतोष शर्मा कौन थे जो अपनी जान की परवाह किए बिना नागरिकों को बचाने के लिए आतंकवादियों की माँद में घुस गए थे?
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर सहित पाँच जवान शहीद हो गए। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक सिपाही और सेना से दो जवान भी शामिल हैं।